सीधी(ईन्यूज एमपी)- जिले में ग्राम पंचायतो को रेत खदान आवंटन के साथ ही प्रशासन द्वारा नियम कायदों को लेकर नवीन आवंटित खदानों में छापेमार कार्यवाही लगातार की जा रही है, लेकिन कार्यवाही में समरूपता नही देखी जा रही है, कुछ खदानों में छापामार कार्यवाही कर नियम कायदों की परख की जा रही है वही कुछ को बिना जांचे ही सही मानकर अनदेखा किया जा रहा है | बतादे की बिगत दिनों सिहावल से जारी रेत खदानों में छापेमारी की कार्यवाही आगे कुशमी तक भी पहुच गयी है जिसके तहत खदानों के सीमांकन व वैध टी.पी जैसे मामलो में त्रुटी पाई गयी व कई वाहनों व खदानों पर कार्यवाही भी की गयी लेकिन गोपदनदी के गोतरा में संचालित खदान को बिना जांचे ही छोड़ दिया गया, जिससे कही न कही प्रशासन की कार्यवाही पक्षपातपूर्ण समझ में आ रही है | कहते है नियम सभी के लिए समान होते है लेकिन जिले में चल रही रेत खदानों पर कार्यवाही से ये बात कही न कही सही साबित नही रही है । गोतरा नदी में संचालित खदान संचालक के प्रति राजस्व , माइनिंग , वन और पुलिस आखिर क्यौं मेहरबान है समझ से परे है । समझा जाता है कि तथाकथित खदान को चलाने वाले गिरोह के मुखिया की पकड़ लम्बी है , यही वजह है कि प्रशासन गोतरा खदान की मनमानी पर मेहरबान है । कुछ पर ताबड़तोड़ कार्यवाही और कुछ पर मेहरबानी समझ से परे है, कही प्रशासन प्रसाद के फेर में तो नही है या चहेतों को खुश करने के फेर में है , या फिर प्रशासन द्वारा किसी व्यक्ती विशेष को त्रुटियों को सुधारने का अवसर दिया गया है....?ये तो देखने वाली बात है लेकिन गोपद के गोतरा में प्रशासन का छापा कब पड़ता है यह तो समय ही बतायेगा ।