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सीधी: बच्चो के विकास से ही राष्ट्र का विकास संभव है:-जिला न्यायाधीश

सीधी(ईन्यूज़ एमपी)- जिला न्यायाधीश प्रभात कुमार मिश्रा के मुख्य आतिथ्य मे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी द्वारा शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीधी क्र0-1 मे दिनांक 13.10.2018 को विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिला न्यायाधीश श्री मिश्रा ने कहा कि बच्चो के विकास से ही राष्ट्र का विकास व उन्नति संभव है तथा यह तभी संभव होगा जब बच्चो का उचित शारीरिक एवं मानसिक विकास हो, उन्हे अच्छे संस्कार मिले एवं भरपूर स्नेह प्राप्त हो। श्री मिश्रा ने कहा कि बच्चे मानव जाति की पीढी के प्रतिरूप होते है, किसी भी देश के भावी कर्णधार होने के कारण उन पर स्वर्णित देश का भविष्य टिका है । बच्चे सामाज के नाजुक कड़ी है इसलिये उनके अधिकारोे को नजरअंदाज करना उचित नही है।

हाल ही में बच्चों के द्वारा अध्यापको एवं सहपाठियों के साथ किये गये दुव्र्यवहार से व्यथित होकर जिला न्यायाधीश श्री मिश्रा ने कहा कि कोमल वयस होने के कारण बच्चे अपराध की ओर आकर्षित होने वाले सबसे अनुकूल व्यक्ति होते है, बच्चो के माता पिता, अभिभावकों एवं अध्यापकों की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि बच्चों के मन में किसी भी प्रकार के अपराध के प्रति घृणा की भावना उत्पन्न करें। श्री मिश्रा ने शिविर में उपस्थित समस्त छात्र छात्राओं को नसीहत देते हुये कहा कि उनकी उम्र में भटकाव होने के कारण कई छात्र छात्राएं अपने उद्येश्य से भटक जाते है, इस भटकाव को सभालते हुये हमें अपने उद्येश्य की ओर हमेशा अग्रसर होना चाहिए तथा एक जिम्मेदार नागरिक की तरह इस राष्ट्र की सेवा करना चाहिये। श्री मिश्रा ने कहा कि देश के प्रत्येक व्यक्ति को अपने अधिकारो का उपयोग नियम एवं कानूनो की परिधि मे करना चाहिये, कानूनो के उल्लंघन पर सामाजिक अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिला न्यायाधीश ने चरित्र निर्माण पर जोर देते हुये कहा कि वर्तमान कानून व्यवस्था अंतर्गत महिलाओ के विरूद्व हो रहे अपराधो की रोकथाम हेतु ऐसे अपराधियो को अतिशीघ्र एवं गंभीर दंड से दण्डित करने की व्यवस्था की गई है। उपस्थित छात्राओ को संवोधित करते हुये जिला न्यायाधीश ने कहा कि महिलाओ के विरूद्व किसी भी प्रकार के अपराध की सूचना तुरन्त पुलिस अथवा न्यायालय को प्रदान करे ताकि कोई गंभीर अपराध कारित होने से बचा जा सके ।

जिला न्यायाधीश श्री मिश्रा ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सभी व्यक्तियों को न्याय प्रदान करने हेतु कृत संकल्पित है क्योकि हमारा संविधान देश के सभी नागरिको को सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय प्रदान करना सुनिश्चित करता है। जिला न्यायाधीश ने उपस्थित विद्यार्थियों एवं अध्यापको से अपील की है कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित जन हितैसी योजनाओ की जानकारी समाज की अंतिम पक्ति के व्यक्तियों तक पहुचाकर न्याय सबके लिये अभियान में सहायता करें।

जिला न्यायाधीश श्री मिश्रा के द्वारा सीधी मे कई व्यक्तियो द्वारा मोटरयान अधिनियम के उल्लंघन पर चिन्ता व्यक्त करते हुये कहा गया कि किसी भी वाहन का इश्योरेश कराया जाना अति आवश्यक है क्योकि इश्येारेश न केवल वाहन मालिक को किसी दुर्घटना के पश्चात आर्थिक दायित्व से बचाता है बल्कि दुर्घटना मे पीडित व्यक्ति को आर्थिक सहायता भी प्रदान करता है।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सीधी के सचिव अपर सत्र न्यायाधीश प्रियदर्शन शर्मा ने कहा कि साक्षरता के आधार पर एक सुदृढ एवं विकसिक समाज आकार लेता है । कानूनों की आधी अधूरी जानकारी अक्सर हमें उलझन में डाल देती है जबकि कानूनों की सही जानकारी ही हमें अपने कर्तव्य एवं अधिकारों के प्रति सचेत करती है। श्री शर्मा ने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से कोई भी व्यक्ति अपने प्रकरण में समुचित निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकता है।

उक्त विधिक एवं साक्षरता शिविर में शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सीधी क्र0-1 के प्राचार्य शंभूनाथ त्रिपाठी, विधिक सहायता अधिकारी अमित शर्मा, अध्यापक आर0 पी0 पाठक एवं विद्यालय के छात्र एवं छात्राए उपस्थित रहे।

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