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शिक्षा बनी व्यवसाय: एक महीने की फीस नहीं मिलने पर बच्चों को घोषित कर दिया डिफाल्टर..........

मंदसौर(ईन्यूज़ एमपी)- स्कूल में समय पर फीस जमा नहीं कर पाने वाले बच्चों को बैंक व स्कूल प्रबंधन द्वारा डिफाल्टर घोषित करने का मामला सामने आया है। स्कूल प्रबंधन बैंक द्वारा पोर्टल पर बच्चों को डिफाल्टर संबोधित करने के चलते नोटिस बोर्ड पर भी डिफाल्टर लिखने की बात कह रहे हैं। बैंक प्रबंधन पोर्टल स्कूल प्रबंधन द्वारा आॅपरेट करने की बात कहते हुए जानकारी बैंक द्वारा अपडेट नहीं करने की बात कह रहे हैं। मामले में लीड बैंक मैनेजर किसी भी हाल में बच्चों के लिए डिफाल्टर शब्द को गाली के समान बताते हुए किसी भी बच्चे को डिफाल्टर नहीं लिखने की बात कह रहे हैं।

मंदसौर स्थित केंद्रीय विद्यालय के बच्चों की फीस यूनियन बैंक में आॅनलाइन या फिर चालान के माध्यम से जमा की जाती है। जिन बच्चों के अभिभावक निर्धारित तारीख तक फीस जमा नहीं कर पाते, उनको पोर्टल व स्कूल बोर्ड में डिफाल्टर घोषित कर अपमानित किया जा रहा है। इतना ही नहीं बैंक की पोर्टल पर भी बच्चों को डिफाल्टर लिखा है। इसमें कक्षा पांचवीं के करीब 11 बच्चों के नाम हैं। मामले का खुलासा स्कूल पहुंचे एक पालक ने ही किया। उन्होंने मामले में एक शिक्षक के सामने आपत्ति भी दर्ज कराई। इसके बाद प्रबंधन की बैठक भी हुई लेकिन बैठक में लिए निर्णय का खुलासा नहीं किया गया।

बैंक से लोन लेकर किस्त नहीं भरने वाले कस्टमर को भी बैंक खाता एनपीए होने तक डिफाल्टर घोषित नहीं करती। बैंक अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार जब कोई व्यक्ति लोन की किस्त तीन से चार माह तक जमा नहीं करता तो उसे नोटिस भेजे जाते हैं ताकि वह लोन की किस्त जमा कर दे। छह माह या फिर इसके बाद भी लगातार किस्त जमा नहीं करने पर कस्टमर का खाता एनपीए हो जाता है। इसके बाद उसे डिफाल्टर घोषित किया जाता है। यहां तो बच्चों को एक माह की किस्त जमा नहीं करने पर ही डिफाल्टर घोषित कर दिया। जबकि फीस जमा नहीं होने पर उनकी किसी प्रकार की कोई गलती नहीं है।

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