देवास (ईन्यूज एमपी)। एक तरफ विश्व को खसरे से मुक्त करने के प्रयास चल रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ जिले में बच्चों को खसरे के टीके ही नहीं लग पा रहे हैं। जानकारी अनुसार ये हालात करीब दो माह से बने हुए हैं। ऐसे में बच्चों को टीका लगवाने ले जा रहे माता-पिता खाली हाथ लौट रहे हैं। बताया जाता है कि प्रदेश में सभी जगह यह स्थिति है। इधर जिम्मेदारों का कहना है कि वैक्सीन ऊपर से ही नहीं आ रही है। 9 माह के बच्चे को लेकर कालानी बाग निवासी किरण त्रिवेदी खसरे का टीका लगवाने जिला अस्पताल पहुंची, लेकिन उन्हें यहां से यह कहते हुए लौटा दिया गया कि टीका उपलब्ध नहीं है। यह अकेली किरण ही नहीं है बल्कि जिला अस्पताल सहित जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचने वाली हजारों माताओं की समस्या है। खसरे का टीका 9 माह व डेढ़ वर्ष के बच्चों को लगाया जाता है। बच्चों को लेकर अस्पताल से माताएं खाली हाथ लौट रही हैं। टीका न लगने से अभिभावकों में बच्चे को खसरा होने को लेकर आशंका घर कर रही है। जिले में हर माह 12 हजार और जिला अस्पताल में 500-600 बच्चों को खसरे का टीका लगाया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार यह टीका करीब दो माह से उपलब्ध नहीं है। बताया जा रहा है कि टीका ऊपर से ही नहीं आ रहा है। बड़ी बात यह है कि कब तक आएगा यह भी कोई नहीं बता रहा। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. कैलाश कल्याणे ने बताया कि शासन एमआर (मिजल्स रुबेला) मिशन चलाने वाला है, इसलिए टीका उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। यह देवास ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश की समस्या है। कई जगह दवा नहीं हैं। हालांकि इसके लिए हम विभाग को लिख चुके हैं।