होशंगाबाद(ईन्यूज़ एमपी)- ग्राम पंचायत रमली सरपंच की बिना अनुमति से शुभकामनाओं का विज्ञापन लगाकर आमला के 5 पत्रकारों ने सचिव के साथ मिलकर चेक जारी कराए थे। पत्रकारों ने चेक में ओवर राइटिंग कर ज्यादा पैसे निकाल लिया। इस मामले में अपर सत्र न्यायाधीश कृष्णदास महार ने धोखाधड़ी करने वाले पांचों पत्रकारों और रमली सचिव को चार-चार साल के कारावास की सजा सुनाई। सरकारी वकील राजेश साबले के अनुसार 7 जून 2010 को ग्राम पंचायत रमली की सरपंच गंगा बाई की अनुमति के बिना शुभकामनाओं के संदेश के विज्ञापन का बिल भुगतान आमला निवासी पत्रकार राकेश शर्मा, दिलीप पाल, वीरेंद्र बर्थे, जितेंद्र शर्मा, दिलीप चौकीकर ने सचिव हेमंत सातपुते से मिलकर मनरेगा योजना के तहत चेक जारी करा लिए थे। सरपंच की शिकायत पर जनपद पंचायत आमला के पंचायत निरीक्षक एनके मीणा ने जांच की। जांच में सचिव हेमंत द्वारा पत्रकारों के साथ मिलकर सरपंच गंगाबाई के फर्जी हस्ताक्षर कर शासकीय राशि का गबन करना पाया गया। पंचायत निरीक्षक की शिकायत पर पुलिस ने पांचों पत्रकार और सचिव के खिलाफ षडयंत्र पूर्वक धोखाधड़ी करने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायाधीश कृष्णदास महार ने इस प्रकरण में पांचों पत्रकार और सचिव को धारा 420 में 4-4 साल के सश्रम कारावास 15-15 हजार रुपए जुर्माना, धारा 120 बी में 1-1 साल के कारावास और 5-5 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया। आरोपियों द्वारा अर्थदंड की राशि जमा करने पर उक्त राशि ग्राम पंचायत रमली को हुए नुकसान को देखते हुए पंचायत को देने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश कृष्णदास महार ने फैसले में उल्लेख किया है पत्रकार संविधान का स्तंभ है। उनसे अपेक्षा रहती है वे देश की आमजनता को जागरूक करने वाले समाचार पत्रों में निष्पक्ष एवं सही खबरों का प्रकाशन करे, जिससे आमजनता लाभांवित हो सके। आरोपी पत्रकारों ने पत्रकारिता जैसे पवित्र कार्य को दूषित करते हुए पंचायत सचिव के साथ मिलकर षडयंत्र रचकर छल किया है। इन परिस्थितियों में आरोपी पत्रकार दया के पात्र नहीं है, इसलिए दंड उचित है। इस संवंध में जानकारी के अनुसार आरोपी पत्रकार राकेश ने ग्राम पंचायत रमली के मनरेगा खाते से 1800 रुपए के चेक पर ओवर राइटिंग कर इसे 3500 रुपए कर बैंक से पैसे निकाले थे। पत्रकार दिलीप पाल ने 1 हजार रुपए के चेक को 3 हजार रुपए और एक अन्य चेक पर स्वयं के नाम से काटछांट कर हस्ताक्षर कर 36 हजार रुपए कर कुल 39 हजार रुपए निकाले थे। पत्रकार वीरेंद्र बर्थे ने 3 हजार रुपए के चेक को 8 हजार रुपए और पत्रकार जितेंद्र शर्मा ने 3 हजार रुपए के स्थान पर ओवर राइटिंग कर 30 हजार रुपए निकाले थे। पत्रकार दिलीप चौकीकर ने 6 हजार रुपए निकालकर सचिव हेमंत सातपुते को 2,970 रुपए कीमत का मोबाइल खरीदकर दिया था।