दुबई में खेले जा रहे एशिया कप टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम आज चैंपियन बनने के इरादे से मैदान पर उतरेगी। रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया पहली बार बांग्लादेश के साथ एशिया कप के फाइनल मुकाबले में आमने-सामने होगी। जिस तरह से बांग्लादेश ने पाकिस्तान को हराया है, उसे देखकर कहा जा सकता है कि फाइनल मैच रोमांचक होने के साथ ही साथ दिलचस्प भी होगा। इससे पहले 2016 के टी-20 एशिया कप में भी भारत और बांग्लादेश की टीमें आपस में भिड़ी थीं। उस समय टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे और इस मुकाबले को 8 विकेट से जीतकर बांग्लादेश के खिलाफ पहली बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया था। यूएई में एशिया कप टूर्नामेंट का आयोजन 3 बार हुआ है। 1984 में पहली, 1995 में दूसरी और अब 2018 में तीसरी बार यहां यह आयोजित हुआ है। इसमें सबसे मजेदार बात यह रही कि तीनों ही मर्तबा भारतीय टीम फाइनल मुकाबले तक पहुंची। 1984 में खेले गए एशिया कप टूर्नामेंट के फाइनल मैच में टीम इंडिया का मुकाबला श्रीलंका के साथ हुआ था, जिसमें भारतीय टीम की कप्तानी सुनील गावस्कर ने करते हुए टीम को जीत दिलाई थी। 1995 में दूसरी बार भारतीय टीम फाइनल मुकाबले में श्रीलंका से भिड़ी और भारतीय टीम को मोहम्मद अजरुद्दीन ने शानदार जीत दिलाई। इसी तरह तीसरी बार भी जीत को बरकरार रखने की तमाम जिम्मेदारी रोहित शर्मा के कंधों पर है। इस एशिया कप टूर्नामेंट में टीम इंडिया ने मिलाजुला प्रदर्शन किया। उसने कुल 5 मैच खेले, जिसमें से एक टाई रहा और 4 मैचों में जीत हासिल की। भारत का पहला मैच हांगकांग से हुआ था, जिसमें वह रोमांचक स्थिति में जाकर विजयी हुआ था। भारत-पाकिस्तान के बीच दो मुकाबले हुए, जिसमें टीम इंडिया ने पाकिस्तान को बुरी तरह 8 और 9 विकेट से शिकस्त दी। अफगानिस्तान के खिलाफ भारत ने बैंच स्ट्रेंथ को मौका दिया, लेकिन अफगानी गेंदबाजों की तारीफ करनी होगी, जिन्होंने बेहद रोमांचक मुकाबले को 'टाई' पर समाप्त कराया।