enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश MP:नारे लगाने से रोंकने पर प्रोफेसर और छात्रों में हंगामा....राष्ट्रद्रोही कह माफ़ी पर अड़े छात्र, तो प्रोफेसर ने पैरों में गिर मांगी माफी

MP:नारे लगाने से रोंकने पर प्रोफेसर और छात्रों में हंगामा....राष्ट्रद्रोही कह माफ़ी पर अड़े छात्र, तो प्रोफेसर ने पैरों में गिर मांगी माफी

मंदसौर(ईन्यूज़ एमपी)-पीजी कॉलेज में बुधवार को छात्रों ने एक प्रोफेसर पर देशद्रोह के आरोप लगा दिए। इसके बाद खूब हंगामा हुआ। छात्र नेताओं का आरोप था कि प्रोफेसर ने उन्हें भारतमाता की जय एवं वंदे मातरम बोलेने से मना किया है, इस दौरान छात्र प्रोफेसर से माफी मांगने की बात पर अड़े गए। अपने ऊपर लगे इन आरोपों को गलत बताते हुए प्रोफेसर ने कहा कि मैंने छात्रों से नारेबाजी के लिए मना किया था, भारतमाता की जय बोलने से नहीं, मैं छात्रों से ज्यादा राष्ट्रवादी हूं। इस दौरान प्रोफेसर छात्रों के पैरों में भी गिरने लगे तब पूर्व प्राचार्य ने उन्हें संभाला।

मिली जानकरी के अनुसार बुधवार को पीजी कॉलेज में अभाविप के छात्र नेता एवं अन्य छात्र बीएससी चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा के परिणाम 4 माह बाद भी घोषित नहीं होने से छात्रों को हो रही परेशानी के संबंध विक्रम यूनिवर्सिटी के कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन देने पहुंचे। इस दौरान अभाविप के छात्र नेताओं के साथ मिलकर अन्य छात्र कॉलेज परिसर में नारेबाजी करने लगे।

इस दौरान नारेबाजी करते हुए छात्र नेता प्रोफेसर दिनेश गुप्ता की कक्षा के समीप पहुंचे। इस दौरान प्रोफेसर ने उनसे कुछ कहा। इसी को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। छात्र नेताओं ने आरोप लगा दिए कि प्रोफेसर गुप्ता उन्हें भारत माता की जय बोलने एवं वंदेमातरम बोलने से मना कर रहे है। इसके बाद छात्र नेता प्रोफेसर गुप्ता के द्वारा मांफी मांगने की बात पर अड़ गये। इस दौराना छात्रों ने अपनी मांगों का ज्ञापन प्राचार्य डॉ. आरके सोहोनी को सौंपा।

छात्रों द्वारा देशधोह के आरोप लगाने पर प्रोफेसर दिनेश गुप्ता को ठेस पहुंची। वे भावुक हो गए। उन्होंने कहा मैंने छात्रों को भारतमाता की जय बोलने से मना नहीं किया जबकि नारेबाजी करने से मना किया था। इस दौरान छात्र प्रोफेसर से माफी मांगने की बात पर अड़े रहे तब प्रोफेसर गुप्ता छात्रों के पैरो में गिरने लगे, एक छात्र के पैर भी पकड़ लिए। पूर्व प्राचार्य बीआर नलवाया ने प्रोफेसर गुप्ता को समझाइश देकर शांत कि या। इस दौरान प्रोफेसर बार-बार यही कहते रहे कि मैंने भारतमाता की जय बोलने से किसी भी छात्र को मना नहीं किया।

Share:

Leave a Comment