भोपाल(ईन्यूज एमपी)- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में सरकार आने पर किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा क्या की, प्रदेश सरकार की आकर्षक ब्याज माफी योजना अपना आधा लक्ष्य भी तय नहीं कर सकी। साढ़े 16 लाख डिफाल्टर किसानों में से सिर्फ 3 लाख 75 हजार 291 किसानों ने योजना में शामिल होकर मूलधन जमा कराया। जबकि 8 लाख 14 हजार 877 किसानों ने योजना में हिस्सेदारी करने बाकायदा सहमति पत्र भरकर दिए थे। योजना के तहत अब तक 943 करोड़ रुपए का मूलधन जमा हुआ और 561 करोड़ रुपए की ब्याजमाफी मिली।सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार ने अप्रत्यक्ष तौर पर सबसे बड़े वोट बैंक को साधने के लिए ब्याजमाफी योजना लागू की थी। मकसद साफ था कि डिफाल्टर किसानों के सिर पर चढ़े कर्ज के बोझ को उतारने का एक मौका मुहैया कराया जाए। इसके लिए खराब वित्तीय हालात के बावजूद लगभग तीन हजार करोड़ रुपए की ब्याज माफी की योजना लागू की गई। इसमें 16 लाख 52 हजार किसानों से 5 हजार 248 करोड़ रुपए का मूलधन लेकर तीन हजार करोड़ रुपए से ज्यादा ब्याज माफी देनी थी। योजना में शामिल होने 8 लाख 14 हजार किसान आगे भी आए पर आधे से भी कम ने राशि जमा कराई। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मंदसौर दौरा हुआ और उन्होंने प्रदेश में पार्टी की सरकार आने पर कर्जमाफी का एलान कर दिया। माना जा रहा है कि इसका सीधा असर योजना पर पड़ा और किसानों ने योजना के प्रति अरुचि दिखाना शुरू कर दी। इसे देखते हुए सहकारिता विभाग ने दो बार योजना की अंतिम समयसीमा बढ़ाई। अब 31 अगस्त तक योजना का लाभ लेने की मियाद तय की गई है। इसी दौरान किसानों के खातों में 30 हजार करोड़ रुपए पहुंचाने का दावा भी सरकार ने विभिन्न् मंचों से किया, लेकिन कर्ज अदायगी में इसकी झलक नजर नहीं आई। उधर, योजना को सफल बनाने के लिए विभाग ने प्राथमिक सहकारी समिति के कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि देने की योजना भी लागू कर दी पर इसका भी अधिक असर नजर नहीं आ रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पड़ोसी राज्यों में कर्जमाफी की या तो घोषणा हो चुकी है या फिर लागू कर दी गई है। इसके चलते प्रदेश के किसानों को भी आशा है कि चुनाव आते-आते तक सरकार भी कर्जमाफी की घोषणा कर देगी। यही वजह है कि किसान ब्याज माफी जैसी आकर्षक योजना का लाभ लेने को तैयार नहीं हो रहे हैं। यह स्थिति भी तब है जब आधी किस्त जमा करने पर दोबारा शून्य प्रतिशत ब्याज पर नकदी और सामग्री लेने की व्यवस्था लागू कर दी गई है।