भोपाल(ईन्यूज एमपी)- मध्यप्रदेश सरकार 2018-19 में बिजली दरों में सबसिडी के तौर पर बिजली कंपनियों को 10 हजार 429 करोड़ रुपए देगी। इससे सर्वाधिक फायदा किसानों को मिलेगा। इनके हिस्से के लगभग दस हजार करोड़ रुपए सरकार द्वारा भरे जाएंगे। कैबिनेट ने मंगलवार को विद्युत नियामक आयोग द्वारा मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए लागू बिजली दरों में उपभोक्ताओं को सबसिडी देने का फैसला किया। साथ ही वनरक्षकों को राज्य वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक ग्रेड पे वेतन देने के निर्णय पर भी मुहर लगा दी है। जनसंपर्क मंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि सरकार ने खेती को फायदे का धंधा बनाने के लिए किसानों की लागत घटाने के कई कदम उठाए हैं। इसी कड़ी में तीन मई 2018 को जारी बिजली दरों पर सरकार ने सबसिडी देने का फैसला किया है। इसके तहत किसानों को 14 सौ रुपए हॉर्सपॉवर के हिसाब से बिल देना है। मीटरयुक्त स्थाई कनेक्शन वाले कृषि उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार, अस्थाई कनेक्शन पर 1.75 रुपए प्रति यूनिट, फिक्स्ड मासिक चार्ज, ईधन लागत समायोजन, एक हेक्टेयर जमीन पर पांच हॉर्सपॉवर कृषि पंप चलाने वाले अनुसूचित जाति व जनजाति के किसानों को मुफ्त बिजली देने, गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति के घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 25 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने सहित अन्य उपभोक्ताओं को भी सबसिडी दी जाएगी। इसकी प्रतिपूर्ति बिजली कपंनियों को सरकार करेगी। बैठक में वनरक्षकों की वेतन विसंगतियों को दूर करते हुए 2400 और 2800 ग्रेड पे के लिए पात्र मानने का निर्णय लिया गया। 20 साल की सेवा पर 2800 ग्रेड पे का लाभ मिलेगा।