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50 लाख 'खाकर' भी नहीं मरे एमवाय अस्पताल के चूहे

इंदौर(ईन्यूज एमपी)- एमवाय अस्पताल में चूहों की बढ़ती संख्या एक बार फिर परेशानी बनती जा रही है। शाम होते ही परिसर के अंदर बड़े-बड़े चूहों की धमाचौकड़ी शुरू हो जाती है। रात होने और चहल-पहल कम होने पर इनकी संख्या बढ़ती जाती है। तलघर से ऊपरी मंजिल यही स्थिति है। चार साल पहले ही पेस्ट कंट्रोल के नाम पर 50 लाख रुपए से अधिक खर्च कर सैकड़ों चूहे मारे गए थे, लेकिन अब फिर एमवाय अस्पताल सहित चाचा नेहरू अस्पताल, कैंसर अस्पताल, मनोरोग चिकित्सालय में भी चूहों की संख्या बढ़ने लगी है।

अस्पताल के आसपास गंदगी और झाड़ियों के कारण चूहे परिसर सहित अंदर पहुंच रहे हैं। दो दिन पहले ही दूसरी मंजिल के पीआईसीयू के बाहर कई चूहों की उछलकूद देख वहां मौजूद लोग हैरत में पड़ गए थे। चूहों से मरीज और उनके परिजन के साथ स्टाफ भी परेशान है। चार साल पहले कायाकल्प-2 के तहत हुए काम के बाद हर साल पेस्ट कंट्रोल की बात भी कही गई लेकिन अभी तक कुछ विशेष काम नहीं हो सका।

फैक्ट फाइल

1994 : अक्टूबर और नवंबर में चूहे मारने का अभियान पहली बार अस्पताल परिसर में चलाया गया था। पांच हफ्ते तक यह अभियान चला। तत्कालीन कलेक्टर सुधीरंजन मोहंती की इस पहल को पूरे देश में सराहा गया।

2014 : नवंबर में कायाकल्प-2 अभियान के तहत लगभग पेस्ट कंट्रोल कराया गया था। तत्कालीन संभागायुक्त संजय दुबे के मार्गदर्शन में यह काम हुआ। इस दौरान सैकड़ों चूहे अस्पताल में मारे गए।

आईसीयू तक पहुंच रहे-
अस्पताल के आईसीयू, पीआईसीयू सहित वार्ड में मरीजों के पलंग के नीचे तक चूहे पहुंच रहे हैं। यहां तक कि डेमॉन्स्ट्रेशन रूम में रखी दवाइयों तक पहुंचकर कई बार दवाइयों के रैपर भी कुतर देते हैं। मरीज के परिजन रातभर इन्हें भगाते रहते हैं। वहीं तल मंजिल व बाहर सोने वाले अधिकतर परिजन भी इनसे परेशान हैं। बारिश के कारण अचानक इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है। अस्पताल के बाहर बने बिल में पानी भरने से ये अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं। रात के समय तलघर में आसानी से इन्हें घूमते देखा जा सकता है।

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