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Home मध्य प्रदेश होम्योपैथी डॉक्टर इंजेक्शन और अंग्रेजी दवाएं नहीं लिख सकते; ऐसे तो मेडिकल चलाने वाला भी करने लगे ऑपरेशन: हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

होम्योपैथी डॉक्टर इंजेक्शन और अंग्रेजी दवाएं नहीं लिख सकते; ऐसे तो मेडिकल चलाने वाला भी करने लगे ऑपरेशन: हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

इंदौर(ईन्यूज़ एमपी)- होम्योपैथिक डॉक्टर्स की आइडियल केयर एसोसिएशन की उस याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया, जिसमें मांग की गई थी कि एलोपैथी डॉक्टर्स की तरह उन्हें भी इंजेक्शन लगाने, दवाइयां लिखने की अनुमति दी जाए। हाईकोर्ट ने सख्त लहजे में कहा- ऐसा बिलकुल नहीं किया जा सकता। इस तरह तो मेडिकल दुकान चलाने वाला भी ऑपरेशन करने की अनुमति मांगने लगेगा कि वह सर्जरी संबंधी दवाइयों की जानकारी रखता है, इसलिए उसे परमिशन दी जाए।

जस्टिस सतीशचंद्र शर्मा की खंडपीठ के समक्ष याचिका की सुनवाई हुई। शासन की तरफ से अधिवक्ता निधि बोहरा ने पैरवी की। एसोसिएशन ने याचिका में उल्लेख किया था कि होम्योपैथी डॉक्टर्स की डिग्री को भी मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से मान्यता प्राप्त है। यह डिग्री भी एलोपैथी के एमबीबीएस के बराबर ही मानी जाती है। होम्योपैथी का कोर्स भी मेडिकल साइंस के तहत आता है। प्रदेशभर में होम्योपैथी डॉक्टर्स की प्रैक्टिस को मान्यता प्राप्त है। ऐसी स्थिति में होम्योपैथी डॉक्टर्स को भी एलोपैथी की तरह इंजेक्शन लगाने, दवाइयां लिखने की अनुमति मिलना चाहिए।

हर शैली को अपनी पद्धति से इलाज करना चाहिए: हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला दिया कि न केवल होम्योपैथी बल्कि, प्राकृतिक चिकित्सक, यूनानी, आयुर्वेदिक डॉक्टर्स भी एलोपैथी की दवाई या उस पद्धति से इलाज नहीं कर सकते। हर पद्धति की अपनी-अपनी इलाज की शैली है उसी तरह से प्रैक्टिस की जाना चाहिए। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रैक्टिस की व्यवस्थित रूपरेखा बना रखी है। उसे इस तरह बिगाड़ा नहीं जा सकता।

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