भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- जबलपुर में रहते हुए लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री विवेक पाल्वे ने 50 हजार रुपए की रिश्वत ली थी जिन्हें लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा था| इस मामले में विशेष अदालत ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दोषी पाते हुए उन्हें चार साल के सश्रम कारावास और 52 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है| जिसके बाद उन्हें सरकार ने बर्खास्त कर दिया है।राज्य लोकसेवा आयोग ने भी विभाग के इस निर्णय पर सहमति दे दी है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 2014 में लोकायुक्त पुलिस की टीम ने कार्यपालन यंत्री विवेक पाल्वे को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इसके बाद उनके छिंदवाड़ा स्थित घर पर भी उप पुलिस अधीक्षक सतीश मिश्रा की अगुवाई में पड़ताल की गई थी। विभाग ने अदालत से सजा होने के बाद तथ्यों का अध्ययन करने के बाद पाया कि जो कृत्य पाल्वे ने किया वो शासकीय सेवा में उनका बना रहना अशोभनीय बना देता है। इसे मद्देनजर रखते हुए सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लेकर राज्य लोकसेवा आयोग से सहमति मांगी गई थी, जो जून 2018 के अंतिम सप्ताह में मिल गई।