भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- स्टायपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल पर गए प्रदेश के पांचों मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टरों में से 19 के पंजीयन मध्य प्रदेश मेडिकल काउंसिल से 2 अगस्त तक के लिए सस्पेंड कर दिए हैं। इसके साथ ही सरकार ने एस्मा के तहत कार्रवाई के लिए हड़ताली जूनियर डॉक्टरों को चिन्हित करना शुरू कर दिया है। इसमें ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर मेडिकल कॉलेज के कुछ प्रोफेसर हैं, जो जूडा को भड़का रहे हैं। आदेश का पालन नहीं करने पर इनके खिलाफ एफआईआर की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। साथ ही हॉस्टल से बेदखल और एडमिशन रद्द करने की कार्रवाई भी की जाएगी। मिल रही जानकारी के अनुसार मप्र हाईकोर्ट द्वारा हड़ताल अवैध करार देने और जल्द काम पर लौटने के निर्देश के बावजूद जूडा ने हड़ताल खत्म नहीं की है। हाईकोर्ट से मिले निर्देश के बाद शासन के आदेश के बाद 329 जूनियर डॉक्टर्स को शुक्रवार को सुबह 9 बजे तक समय पर काम पर लौटने के लिए दिया गया था, लेकिन उनकी हड़ताल जारी है। ऐसे में अब नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जायेगी। हड़ताल को लेकर अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा राधेश्याम जुलानिया ने गुरुवार को सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फोन पर पूरी स्थिति से अवगत कराया है। जुलानिया का कहना है कि मुख्यमंत्री की तरफ से भी स्पष्ट कहा है कि हड़ताल खत्म किए बगैर जूडा से कोई बातचीत नहीं होगी। बुधवार को हाईकोर्ट द्वारा हड़ताल को अवैध करार देने के बाद जूडा ने हड़ताल वापसी का पत्र सौंप दिया था, लेकिन देर रात 24 जूडा पदाधिकारियों का निष्कासन वापस लेने के बाद ही हड़ताल खत्म करने का जूडा ने निर्णय लिया। इसके चलते गुरुवार को भी प्रदेश पांचों मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर रहे। हड़ताल पर चल रहे जूनियर डॉक्टर गुरुवार को भी ड्यूटी पर नहीं लौटे। इसके चलते भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा मेडिकल कॉलेज के डीन ने सख्ती की तैयारी कर ली है। गुरुवार शाम को भोपाल सहित प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में हड़ताल को लीड कर रहे जूनियर डॉक्टर्स के हॉस्टल को सील कर दिया गया। गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन ने हड़ताल में शामिल 329 जूनियर डॉक्टर्स को शुक्रवार सुबह 9 बजे तक हड़ताल खत्म करने का अल्टीमेटम दिया है।