भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- एस्मा लगने के बाद भी हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों पर पहली बार राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 20 जूनियर डॉक्टरों को निष्कासित (रेस्टिकेट) कर दिया है। ये इंदौर, ग्वालियर, रीवा और जबलपुर के हैं। भोपाल मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों को फिलहाल नोटिस दिया गया है। निष्कासित डॉक्टरों के बुधवार को रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल कर दिए जाएंगे। जूडा की हड़ताल में शामिल उन मेडिकल स्टूडेंट पर भी कार्यवाही होने वाली है, जिन्होंने हाल ही में नीट के जरिए पीजी में एडमिशन लिया है। बुधवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और भारत सरकार के पास जाकर सभी स्थितियों पर बात करके इन स्टूडेंट के एडमिशन निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू करेगा। तब तक राज्य सरकार ने सात नए मेडिकल कॉलेज में पदस्थ किए गए 250 असिस्टेंट प्रोफेसरों को आपात सेवाओं में लगा दिया है, ताकि स्वास्थ्य सुविधाओं पर असर नहीं पड़े। मंगलवार को हड़ताल के कारण प्रदेश के सरकारी हॉस्पिटलों में 205 ऑपरेशन टालने पड़े। ओपीडी भी आधी रह गई। राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि जिन्हें भी निष्कासित किया गया है, उन्हें वापस नहीं लिया जाएगा। हड़ताली डॉक्टरों से कहा गया है कि वे बिना शर्त हड़ताल खत्म करें। जहां तक मांगों का सवाल है तो पहले भी सरकार बात कर रही थी, अब भी करेगी।