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अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर रखे निगरानी.......कलेक्टर

ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)-भ्रूण लिंग परीक्षण रैकेट के मुरार से पकड़े जाने के बाद पीसीपीएनडीटी एक्ट की बैठक में सदस्य काफी आक्रोशित थे। सबका कहना था कि इस मामले में कुछ ठोस कदम उठाए जाएं, अल्ट्रासाउंड सेंटरों की भी निगरानी कड़ी की जाए। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा ने बैठक में निर्देश दिए कि जिन अल्ट्रासाउंड सेंटरों पर अधिक जांचे हो रही हैं, उनकी निगरानी की जाए। साथ ही जिन परिवार में दूसरी डिलेवरी या एक से अधिक बेटी वाले परिवारों पर भी फोकस रखा जाए। इसकी जिम्मेदारी आशाओं को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।

पीसीपीएनडीटी एक्ट सलाहकार समिति की बैठक शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित हुई। बैठक में समिति की सभापति डॉ अनीता श्रीवास्तव, सदस्य मीना शर्मा, जावेद खान, विनय हासवानी, सीएमएचओ डॉ मृदुल सक्सेना एवं पीसीपीएनडीटी एक्ट के नोडल ऑफिसर डॉ अमित रघुवंशी सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान कलेक्टर अशोक कुमार वर्मा ने कहा कि भ्रूण लिंग परीक्षण की गतिविधियों को रोकने के लिए हाई रिस्क को ध्यान में रखा जाए। साथ ही स्वास्थ्य विभाग और महिला बाल विकास विभाग समन्वय बनाकर काम करे। आशा कार्यकर्ताएं ग्रामीण क्षेत्रों में जनता के साथ जुड़ी रहती है, इसलिए पूरा डाटा रखा जाए।

सख्ती करते हैं तो वेटिंग बढ़ जाती हैः

कलेक्टर ने कहा कि जिन सेन्टरों पर अधिक अल्ट्रासाउंड हो रहे हैं, उनकी भी निगरानी एवं जांच की जाए। इस पर बैठक में बताया गया कि अधिक सख्ती करने पर अल्ट्रासाउंड सेन्टर काम की रफ्तार कम कर देते हैं, जिससे वेटिंग की स्थिति बन जाती है। इस दौरान मुरार जिला अस्पताल, हजीरा सिविल अस्पताल का भी हवाला दिया गया। हालांकि कलेक्टर का कहना था कि निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।

अधिक बच्चियों की डिलेवरी पर सम्मानः

बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जो एएनएम अधिक बच्चियों की डिलेवरी कराएगी, उसको 15 अगस्त एवं 26 जनवरी को कार्यक्रम के दौरान सम्मानित भी किया जाएगा।

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