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केंद्र में अटका राशन की जगह नकद सबसिडी देने का प्रस्ताव......

भोपाल(ईन्यूज एमपी)- सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए राशन की जगह नकद सबसिडी देने का मामला केंद्र सरकार की अनुमति के चक्कर में अटक गया है। प्रदेश सरकार ने औबेदुल्लागंज और सोहागपुर नगर परिषद का चयन का पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने का निर्णय लिया है। इसमें प्रति किलोग्राम 13 से लेकर 19 रुपए तक सबसिडी हितग्राही के खाते में आएगी।

प्रदेश में खाद्य सुरक्षा कानून के तहत सवा पांच करोड़ लोगों को रियायती दर पर खाद्यान्न् मिलता है। एक रुपए किलोग्राम में गेहूं, चावल और नमक दिया जा रहा है। खाद्यान्न् वितरण में गड़बड़ी की शिकायतों के मद्देनजर सरकार ने राशन देने की जगह सबसिडी की राशि सीधे उपभोक्ता के खाते में देने का सैद्धांतिक फैसला लिया है। योजना मूल रूप से केंद्र सरकार की है। लिहाजा, इसके लिए काफी मशक्कत के बाद औबेदुल्लागंज और सोहागपुर नगर परिषद का चयन कर पायलट प्रोजेक्ट करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गेहूं और चावल केंद्र सरकार 2 और 3 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से देती है। अन्नपूर्णा योजना के तहत प्रदेश सरकार इसमें एक और दो रुपए अपनी ओर से मिलाकर एक-एक रुपए में गेहूं और चावल दे रही है।

फोर्टिफाइड नमक भी एक रुपए किलोग्राम के हिसाब से दिया जा रहा है। रियायती दर पर अनाज देने में केंद्र सरकार को काफी सबसिडी देनी होती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर अनाज की खरीदी होती है, उसमें परिवहन, कमीशन सहित अन्य खर्च को मिलाकर गेहूं और चावल 20 रुपए किलोग्राम के आसपास पड़ता है। नई व्यवस्था में उपभोक्ता को बाजार से सीधे खाद्यान्न् लेना होगा, इसलिए सबसिडी सीधे उसके खाते में जमा की जाएगी।

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