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Home मध्य प्रदेश 'मेढ़क की चीर-फाड़ से डरता था, दर्शन में रमता था मन'.......शिवराज

'मेढ़क की चीर-फाड़ से डरता था, दर्शन में रमता था मन'.......शिवराज

भोपाल (ईन्यूज एमपी)-माता-पिता की इच्छा थी बायोलॉजी से पढ़ाई करूं और डॉक्टर बनूं। मुझे मेढ़क की चीर-फाड़ से डर लगता था। प्रेक्टिकल के दौरान मैं घबराने लगता था। तभी मुझे विश्वास हो गया था कि मैं डॉक्टर नहीं बन सकता। मुझे मजदूरों की मदद करना, उनके लिए आवाज उठाना पसंद था। यही कारण है मेरा दर्शन शास्त्र में मन लगता था। जब मैं मॉडल स्कूल में था, तब भी यहां का छात्र नेता था। छात्रों की परेशानी से लड़ने के लिए हमेशा आगे खड़ा रहता था। इमरजेंसी के दौरान मुझे जेल में डाल दिया गया। जब वहां से निकला तो फिर राजनीति में उतर गया। आज मुझे इस बात की खुशी है कि मैं जरूरतमंदों की सेवा कर पा रहा हूं। इसलिए, हमेशा अपने व्यक्तित्व और रुचि के अनुसार विषय और कॅरियर का चयन करें। माता-पिता बच्चों पर अपनी खुशी थोपने के बजाय बच्चों को अपनी रुचि के क्षेत्र में आगे बढ़ने दें। यह समझाइश व सुझाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के बच्चों की दी।

मुख्यमंत्री ने टीटी नगर स्थित मॉडल स्कूल में सोमवार को आयोजित कार्यक्रम 'हम छू लेंगे आसमां' में शामिल हुए सात सौ से ज्यादा बच्चों को बेहतर भविष्य की राह दिखाई। साथ ही उन्होंने भोपाल के अलावा प्रदेश भर से आए कॉल पर कॅरियर काउंसलिंग भी की। उन्होंने बच्चों को 'कर्म करो, फल की चिंता मत करो' सफलता का मूल मंत्र भी दिया। इस दौरान सीएम ने रोजगार संबंधित पोर्टल का भी लोकार्पण किया।

बेहतर भविष्य के ये टिप्स दिए

- कर्म करो परिणाम की चिंता न करें।

- सबसे पहले लक्ष्य निर्धारित करें।

- उस लक्ष्य को पाने का संकल्प लें।

- लक्ष्य प्राप्ति के लिए पूरी मेहनत करें।

- जैसा सोचोगे, करोगे वैसा ही बनोगे।

- इच्छाशक्ति दृढ़ होनी चाहिए।

- अपनी रुचि के अनुसार विषय व कॅरियर का चयन करें।

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