भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि दो अक्टूबर 2018 तक मध्यप्रदेश खुले में शौच जाने से पूरी तरह मुक्त प्रदेश हो जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता को जन-अभियान का स्वरूप दिया है। इससे लोगों की मानसिकता बदली है। लोगों ने स्वच्छता के महत्व को स्वीकारा है। मुख्यमंत्री ने स्वच्छाग्रहियों से अपील की कि लोगों को शौचालय का उपयोग करने के लिए प्रेरित करें। मध्यप्रदेश को स्वच्छ और स्वस्थ प्रदेश बनाने का संकल्प लें। चौहान ने कहा कि स्वच्छता के लिए प्लास्टिक का उपयोग अत्यंत हानिकारक है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुँचता है। उन्होंने स्वच्छाग्रहियो को संकल्प दिलवाया कि वे धीरे-धीरे प्लास्टिक का उपयोग करना छोड़ दें। नागरिकों को भी इसके लिये प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने असंगठित श्रमिक कल्याण योजना की चर्चा करते हुए स्वच्छाग्रहियों का आह्वान किया कि इस योजना के क्रियान्वयन में पूरा सहयोग करें। उन्होंने बताया कि इस योजना में हर गरीब का अपना मकान होगा, उसे आवासीय भूमि का पट्टा मिलेगा। मुफ्त में इलाज होगा। दुर्घटना होने पर 4 लाख रूपये और सामान्य मृत्यु पर दो लाख रूपये उसके आश्रितों को मिलेंगे। केन्द्रीय स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय के सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर ने बताया कि वर्ष 2014 में स्वच्छ भारत अभियान शुरू होने से पहले देश में 55 करोड़ लोग खुले में शौच जाते थे। मात्र साढे़ तीन साल में इनकी संख्या घटकर 20 करोड़ रह गई है। उन्होंने कहा कि पिछले साढे़ तीन सालों में देश को स्वच्छ बनाने के अभियान में जितना काम हुआ, उतना बीते सात दशकों में भी नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि आज 400 जिले और साढे़ तीन लाख लाख गाँव खुले में शौच जाने से मुक्त हो गए हैं। उन्होंने बताया कि दो अक्टूबर, 2019 तक पूरे देश को खुले में शौच जाने से मुक्त करने का लक्ष्य है।