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विदिशा: शासकीय दायित्व के साथ-साथ मददगार बनी ई-गवर्नेंस

विदिशा(ईन्यूज एमपी)- जिला ई-गवर्नेंस के द्वारा ऑन लाइन शासकीय कार्या पर नजर रखी जा रही है विभागों के ऑन लाइन कार्यो के सम्पादन में होने वाली दिक्कतों का भी त्वरित निदान किया जा रहा है विदिशा जिला ई-गवर्नेंस में पदस्थ सहायक ई-गवर्नेंस प्रबंधक जीशान अली खॉन ने शासकीय दायित्वों के साथ-साथ सामाजिक सरोकार का निर्वहन करते हुए बिछडी वायोवृद्व सुकी बेवा को अपने परिजनों से मिलाने में सफलता हासिल की है।

सुकी बेवा अपने गांव वालो के साथ विगत एक माह पूर्व अजमेर घूमने के उद्वेश्य से गई थी जहां वे अपने गांव वालो से बिछड गई। भटकते हुए कुछ दिन पूर्व विदिशा जिले के बासौदा बस स्टेण्ड, सड़क पर बेसुध होकर भटक रही थी ऐेसी स्थिति में महिला एवं बाल विकास विभाग को सूचना दी गई और विभाग के अधिकारी ने कलेक्टर के संज्ञान में लाया। कलेक्टर द्वारा श्री हरिवृद्वाश्रम में रखवाने का कार्य किया।

सुकी बेवा की पहचान जानने के लिए बॉयोमीट्रिक्स के आधार पर पता लगाने के लिए जिला ई-गवर्नेंस कार्यालय लाया गया। किन्तु वृद्व महिला अपने बारे में कुछ भी नही बता पाई। ऐेसे समय जीशान अली की जागरूकता ने बिछड़ी वृद्वा को अपने परिजनों से मिलाने का कार्य किया।

जीशान अली बताते है कि सोशल साइट के माध्यम से महिला के जिला गोलपारा असम के शासकीय फेसबुक पेज पर पोस्ट की गई जो असम राज्य के विभिन्न जिलो में वायरल होने पर तुरंत असम के गोलपारा जिला प्रशासन एवं महिला के परिजनों द्वारा जीशान अली से सम्पर्क किया गया। तत्पश्चात जीशान अली द्वारा वीडीयो कॉलिंग के माध्यम से संबंधित वृद्वा की पहचान उनके परिजनों से कराई गई।

वायोवृद्व सुकी बेवा के पुत्र अब्दुल कलाम अपनी मां को लेने के लिए गोलपारा से प्रस्थान कर चुके है। ई-गवर्नेंस के सहायक प्रबंधक के द्वारा किए गए सामाजिक सरोकार के कार्य की चहुंओर चर्चा है। वृद्वा को अपने परिवारजनों से मिलाने की आत्म संतुष्टि जीशान के चेहरे पर दिख रही है।

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