शहडोल/धनपुरी (ईन्यूज एमपी)-इन दिनो अवैध क्लीनकी व फर्जी डॉक्टरों का शहरो में व गांवों में धड़ल्ले से व्यापार फल फूल रहा है इतना ही नही इस व्यापार में ये दुगना चौगुना पैसा वसूल मरीजों से करते हैं और जब मामला बुखार और दस्त य छोटी बीमारियों जैसी नही रह जाती तब ये किसी विषय विशेषज्ञ के पास ले जाने के लिए कहते हैं कभी कभी हालात इतनी नाजुक हो जाती है की मरीज दम तोड़ देता है इन्ही में से एक अमलाई रोड में विकास लाज के सामने डॉक्टर वर्मा जी है जो पैथालाजी कम क्लीनिक चला रहे हैं इनके पास न ही कोई एम डी की डिग्री है और न ही एम बी बी एस की उसके बाद भी ये बेखौफ क्लीनकी में मरीजों को बॉटल इंजेक्शन व खून जांच करते हैं जब इनसे बात की गई की आप यह दवाई किस आधार पर करते हैं तो इन्होंने कहा की मेरे यहां पहले बी एम ओ सचिन कारखुर आते थे इन दिनों बुढ़ार हॉस्पिटल में पदस्थ प्रवीण द्विवेदी आते हैं जबकि कई मरीजो से पूँछताछ करने पर पाया गया की ये खुद ही लोगों का उपचार करते हैं आश्चर्य की बात तो ये है की बुढ़ार ब्लाक के बी एम के नाम से क्लीनिक की कमाई की जाती है विचारणीय बात यह है की क्या एक ऐसा योग्य व्यक्ति जो स्वयं बुढ़ार बी एम ओ हो उसे ऐसे क्लीनिक को अपने नाम का उपयोग करने को कहा गया जो स्वयं डिग्री का मोहताज है य फिर बी एम ओ साहेब को शासन के वेतनमान पे संतुष्टि नही है कइसके पहले भी कई बंगाली डॉक्टरों के फर्जी होने के मामले में खबर प्रकाशित की जा चुकी हैं लेकिन बी एम ओ सचिन को इसकी खबर तक नही है उनका कहना है की मुझे लिस्ट बनाके दीजिए मै उनके क्लीनक पर कार्यवाही करूंगा इन सब के पीछे कारण कुछ भी हो लेकिन क्या वर्मा पैथालाजी पर बी एम ओ की कार्यवाही होगी क्या बाँकी झोलाछापों पर कार्यवाही होगी ताकि आमजन को उचित स्वास्थ्य व अच्छे चिकित्सक से उपचार प्राप्त हो सके