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निजी प्रेक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों से होगी वसूली.....

इंदौर(ईन्यूज एमपी)-निजी प्रेक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टरों से अब करोड़ों रुपए की वसूली की जाएगी। यह राशि रोगियों के कल्याण में लगाई जाएगी। हालांकि वसूली को लेकर सरकार ने 1999 में आदेश दिया था, जो 19 साल बाद याद आया है। कुछ समय पहले इस वसूली को लेकर विधानसभा में सवाल उठे थे, जिसके बाद पत्राचार शुरू हुआ और प्रदेश के सीएमएचओ व सिविल सर्जन से राशि के संबंध में जानकारी मांगी गई।

1998 में शासन ने सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों की निजी प्रेक्टिस पर प्रतिबंध लगाया था। विरोध और आपसी तनातनी के बाद जनवरी 1999 में यह प्रतिबंध हटा दिया था। इसमें शर्त जोड़ी गई थी कि ऐसे डॉक्टर जो 50 हजार की जनसंख्या (1991 की जनगणना के अनुसार) से ज्यादा आबादी वाले शहरों में पदस्थ हैं और निजी प्रेक्टिस करते हैं उन्हें अपनी संस्था की रोगी कल्याण समिति में पैसा जमा कराना होगा, लेकिन उन्होंने नहीं की। 20 मार्च 2018 को इस वसूली के लिए संचालनालय ने पत्र जारी किया तो जिला स्तर के अधिकारियों ने सभी स्वास्थ्य संस्थाओं को पत्र भेजे, जिससे अधिकारियों में गहमागहमी शुरू हो गई।


मप्र चिकित्सा अधिकारी संघ के मुताबिक प्रदेश में क्लास-1 के करीब 1000 अधिकारी हैं। क्लास-2 के 2500 अधिकारी हैं। क्लास-1 से 1000 रुपए और क्लास-2 से 500 रुपए प्रतिवर्ष वसूले जाने थे। इसके हिसाब से करीब 4 करोड़ 27 लाख 50 हजार रुपए जमा होना थे। सिर्फ इंदौर जिले का प्रतिशत देखा जाए तो जिले में क्लास-1 के 45 और क्लास-2 के 130 अधिकारियों से 20 लाख 90 हजार रुपए मिलना थे। अधिकारियों के पास यह भी जानकारी नहीं है कि अब तक कितने डॉक्टरों ने रुपए जमा किए हैं।

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