ग्वालियर(ईन्यूज एमपी)- मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के रेवेन्यू मैनेजमेंट सिस्टम (आरएमएस) से ग्वालियर रीजन के अधिकारियों का बड़ा झूठ पकड़ में आया है। अधिकारी तथ्यों को छिपाकर दो लाख की बजाए 7 लाख 50 हजार उपभोक्ताओं पर गलत बिलिंग करके उन्हें चूना लगा रहे थे और शिकायत के बाद उसमें सुधार भी नहीं किया जाता था। आरएमएस प्रणाली से खराब मीटरों की संख्या में असामान्य वृद्धि देखकर वरिष्ठ अधिकारी हैरान रह गए। अब अधिकारियों की इस गड़बड़ी पर सर्कलों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगे गए हैं। ग्वालियर रीजन में औसत बिलिंग व आकलित खपत की शिकायतों की संख्या अधिक थी। जब सर्कल स्तर पर अधिकारी उपभोक्ताओं की नहीं सुनते थे तो उपभोक्ता ऊर्जा मंत्रालय व कंपनी प्रबंधन के पास शिकायतें करने लगे थे। शिकायतों की संख्या में इजाफा होने पर बिलिंग प्रणाली में ही बदलाव कर दिया गया। जब प्रबंधन सर्कलों के आंकड़ों का मिलान करता था तो खराब मीटरों की संख्या न के बराबर रहती थी। मार्च 2017 के पहले 2 लाख खराब मीटर बताए गए थे और राजस्व वसूली पत्रक (आर-15) में भी 2 लाख मीटर खराब बताए गए थे। वास्तविक स्थिति पता करने के लिए ऊर्जा मंत्रालय के आदेश पर कंपनी ने आरएमएस प्रणाली लागू की। इसके लागू होते ही मार्च 2017 से नवंबर 2017 के बीच खराब मीटरों की संख्या में लगभग 4 गुना वृद्धि हो गई। ग्वालियर सिटी, ग्वालियर-दतिया जिला, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शिवपुरी, गुना-अशोकनगर सर्कल में खराब मीटर का आंकड़ा 7 लाख 50 हजार से ऊपर पहुंच गया। आरएमएस से 5.50 लाख उपभोक्ता ऐसे सामने आ गए, जिनको गलत बिल दिए जा रहे थे और प्रबंधन की नजर में नहीं आने दिया जा रहा था। इस गड़बड़ी पर सभी सर्कलों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।