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दुनिया के किसी कोने में काम के लिए नहीं होना पड़ेगा मोहताज...

वाराणसी (ईन्यूज एमपी)-аकाशी हिंदू विश्वविद्यालय में नव नियुक्त कुलपति बायोटक्नॉलजिस्ट डॉ राकेश भटनागर ने कार्यभार ग्रहण कर लिया। विश्वविद्यालय के 27 वें कुलपति के रूप कार्यभार संभालने से पूर्व उन्होंने परिसर स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की ,उसके उपरांत मीडिया प्रतिनिधियों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह विश्वविद्यालय के छात्रों को इस काबिल बनाएंगे कि दुनिया उन्हें सलाम करे। अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए उन्होंने कहा कि नंबर एक विश्वविद्यालय का शैक्षिक स्तर और ऊंचा करना है ताकि यह विश्वविद्यालय एकेडमिक स्तर पर दुनिया भर के बेस्ट विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हो। दूसरे छात्रों को इस काबिल बनाना कि दुनिया के किसी कोने में उन्हेंаकामаके लिए किसी का मोहताज नहीं होना पड़ेगा। तीसरे इंटरपेन्योरशिप। उन्होंने कहा कि इन तीनों की प्राथमिकताओं को क्रियान्वित करने के लिए कार्ययोजना तैयार है। बस उसे क्रियान्वित करने की जरूरत है।

बीएचयू की समस्या के बाबत डॉ भटनागर ने कहा कि समस्या का होना बड़ी बात नहीं, उसका शीघ्र समाधान होना जरूरी है। वह मैं करूंगा। उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि सकारात्मक सोच के साथ जो भी मिलना चाहेगा उसके लिए दरवाजा खुला है। लेकिन केवल नकारात्मक बातों या अराजकता फैलाने वालों से बात करने के लिए मेरे पास समय नहीं है। वैसे में संवाद में विश्वास रखता हूं संवादहीनता में नहीं। विश्वविद्यालय में आए दिन छात्राओँ के साथ छेड़-छाड़ की घटनाओं के सवाल पर कहा कि इसके लिए छात्रों को मोटिवेट किया जाएगा। वर्कशॉप और सेमीनार आयोजित किए जाएंगे। मेरी कोशिश होगी कि छात्रों के दिल दिमाग में महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव आए। इसके लिए खुद को उदाहरण के तौर पेश भी करना होगा, वह चाहे मैं खुद हूं या विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षक।

चौबीस घंटे साइबर लाइब्रेर की सुविधा छीने जाने के बाबत उन्होंने कहा कि यह अच्छी पहल थी, लेकिन यह देखना होगा कि यह सुविधा क्यों छीनी गई। अगर इसके पीछे वाजिब और बड़ा कारण होगा तो बात दीगर अन्यथा छोटी-मोटी दिक्कतों को दूर कर सुविधा बहाल की जा सकती है। लेकिन पहले समस्या को समझना होगा। परिसर की सुरक्षा के बाबत कहा कि यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। उन्होंने संकेत दिए कि भविष्य में विश्वविद्यालय की हर समस्या के लिए पुलिस प्रशासन की मदद के लिए गुहार नहीं लगाएंगे। उन्होंने कहा कि जब बच्चा मेरी बात नहीं सुनेगा तो पुलिस की भी नहीं सुनेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के भ्रष्टाचार से लेकर जातीय राजनीति तक पर खुल कर बात की और कहा कि एक बायोटेक्नॉलजी का आदमी होने के चलते मुझमें उन अदृश्य शक्तियों को जानने और समझने कीаशक्ति है, ऐसे में वो कोई दिक्कत नहीं है। हर समस्या को निबट लिया जाएगा। विश्वविद्यालय में सलाहकारों की बाढ़ के मुद्दे पर उन्होंने पूर्व वीसी की चुटकी लेने से भी गुरेज नहीं समजा, कहा कि सलाहकार बुरे नहीं, उनकी सलाह बुरी नहीं, लेकिन सलाहकार की सलाह को क्रियान्वत करने की बुद्धि भी होनी चाहिए। फिर भी देखा जाएगा कि कहां सलाहकार की जरूरत है और कहां नहीं, जहां जरूरत होगी वहीं सलाहकार रहेंगे। छात्रसंघ के मुद्दे पर कहा कि यूनियन होना किसी समस्या का हल नहीं, अगर ऐसा होता तो जेएनयू में कोई समस्या न होती।

उन्होंने कहा कि छात्रों का रुझान प्योर साइंस की ओर बढ़े। इसके लिए मेरे दिमाग में प्लान है और उस पर यहां के वैज्ञानिकों के साथ विचार विमर्श कर उसे लागू किया जाएगा।

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