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Home मध्य प्रदेश जिस बेटी का किया था अंतिम संस्कार...दूसरे दिन वह घर पहुंच गई...

जिस बेटी का किया था अंतिम संस्कार...दूसरे दिन वह घर पहुंच गई...

सतना(ईन्यूज एमपी)- क्या मुर्दा जिंदा हो सकता है हर समझदार का जवाब होगा नहीं,аबात जरा अटपटी है लेकिन सतना में कुछ इसी तरीके का हैरतअंगेजаमामला सामने आया है,аयह हम नही बल्कि परिजन खुद कह रहे है, पुलिस के बयान से भी कमोवेश यही साबित हो रहा है,аसतना और रीवा पुलिस की लापरवाही से मुर्दे के जिंदा होने का कारनामा सामने आया है,аचार दिन से लापताаनाबालिग युवती की लाश रीवा के हनुमाना में मिली थी, हनुमाना पुलिस गायब युवती की लाश होने की शिनाख्त करते हुए शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया, परिजनों ने लाश का अंतिम संस्कार भी कर दिया, गांव में उस समय हड़कंप मच गया जब अंतिम संस्कार के दूसरे दिन नाबालिक युवती वापस घर पहुंच गयी, जिंदा और सही सलामत बेटी को देखकर परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, लापता बेटी तो घर आ गई लेकिन बड़ा सवाल खड़ा हो गया कि पुलिस ने जो लाश दी और परिजनों ने जिसका अंतिम संस्कार किया "वह कौन थी"... !!!
सतना के मझगवां थानाक्षेत्र के पिडरा गांव से 19 मार्च को नाबालिग युवती उमा (परिवर्तित नाम) अचानक गायब हो गई थी, काफी तलाश के बाद जब उमा नहीं मिली तो परिजनों ने गांव के एक युवक पर अपहरण का आरोप लगाते हुए थाने में शिकायत कर दी, लेकिन पुलिस ने केवल गुमशुदगी दर्ज की, चार दिन बाद 23 मार्च को रीवा के हनुमाना स्थित फारेस्ट नर्सरी के पीछे एक लाश मिलने की सूचना मिली, परिजनों के हनुमाना पहुंचने पर पुलिस ने क्षत विक्षत लाश उमा की बताते हुए पीएम कराया और परिजनों को सौंप दिया, परिजन लाश लेकर 24 मार्च कोаपिडरा गांव पहुंचे, अपहरण बलात्कार और हत्या का आरोप लगाते हुए ग्रामीण और परिजन लाश सतना-चित्रकूट मार्ग मे रखकर चक्का जाम कर दिया, सूचना मिलते ही सतना पुलिस अफसर मौके पर पहुंचे और परिजनों को इंसाफ दिलाने का आश्वासन देकर आंदोलन खत्म कराया, नतीजतन परिजनों ने उमा का अंतिम संस्कार कर दिया, आज 26 मार्च को आश्चर्यजनक ढंग से उमा जिंदा और सही सलामत अपने घर पहुंच गई, उमा के वापस आने की खबर पुलिस ने पूरा दिन दबाकर रखी, सनसनीखेज मामले की भनक लगते ही देर रात मीडिया गांव पहुंच गया, सच्चाई उजागर होने के डर से पुलिस नाबालिग युवती और उसके परिजनों को पहले ही हिरासत में ले लिया, पुलिस से डरे सहमे उमा के परिजन कैमरे पर सच्चाई बयान कर ही दी ।
नाबालिक के परिजनों ने गांव के जिस युवक पर अपहरण बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया था, चक्का जाम के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था, गायब उमा के वापस आने के बाद आरोपी के परिजन सारी सच्चाई बयान कर रहे हैं ।
पूरे मामले में रीवा पुलिस की भूमिका गैर जिम्मेदाराना और संदिग्ध रही है, क्षत विक्षत अज्ञात लाश को गायब उमा की लाश बताकर परिजनों के सुपुर्द करना रीवा पुलिस को कठघरे में में खड़ा कर रहा है, जितनी रीवा पुलिस दोषी उससे कहीं ज्यादा सतना पुलिस दोषी है, नाबालिग सतना से गायब हुई, पुलिस ने गुमशुदगी सतना में दर्ज की, परिजन लाशа सड़क पर रखकर सतना में प्रदर्शन किया, खुद सतना पुलिस के ऑफिसर चक्का जाम के दौरान आरोपी को पकड़ने और इंसाफ दिलानेа का आश्वासन दिया, अज्ञात लाश का अंतिम संस्कार सतना में हुआ, गायब नाबालिग उमा वापस सतना ही आई है, पूरा घटनाक्रम सतना में घुटने के बाद भी सतना पुलिस के कप्तान मामले में अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं ।
गायब उमा तो घर वापस आ गई, रीवा पुलिस ने जो लाश दी वह कौन थी, परिजन सड़क पर लाश रखकर चक्का जाम किया वह कौन थी, जिस लाश का अंतिम संस्कार किया गया वह कौन थी, संवेदनशील मामले में कई सवाल उठ खड़े है लेकिन रीवा सतना पुलिस अफसर अपनी गर्दन फंसती देख गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ रही हैं, पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच आवश्यक हो गई है मामले के साथ-साथ सतना रीवा पुलिस की संदिग्ध भूमिका की भी जांच करना जरूरी हो गया है ।а

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