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देश के 13 राज्यों में 500 करोड़ का घोटाला...आरोपी गिरफ्तार...

श्योपुर। (ईन्यूज एमपी)- देश के 13 राज्यों में 500 करोड़ का घपला करने वाली विश्मामित्र इंडिया कंपनी के सीईओ मनोज कुमार पुत्र लक्ष्मीचंद चंद निवासी गोरखपुर को श्योपुर पुलिस ने शुक्रवार को राजस्थान के सवाई माधौपुर से पकड़ लिया। यह कंपनी श्योपुर, कराहल व बड़ौदा में भी तीन करोड़ रुपए से ज्यादा लेकर गायब हो चुकी है।

इस मामले में कोतवाली व कराहल थाने में विश्वामित्र कंपनी के सीईओ सहित कई एजेंटों पर धोखाधड़ी व अमानत में खयानत के मामले दर्ज हैं। कोतवाली टीआई सुनील खेमरिया ने बताया कि, सोमवार को आरोपी की कोर्ट में पेशी होगी।नईदुनिया के सवालों का जवाब देते हुए विश्वामित्र के सीईओ ने कहा कि, वह अपने इंवेस्टरों का एक-एक रुपया चुकाने को तैयार हैं , लेकिन उन्हें पुलिस से मुक्ति नहीं मिल रहीं। मनोज कुमार ने बताया कि, उनके खिलाफ 13 राज्यों में 105 मामले दर्ज हैं जिनका 80 करोड़ रुपया लोगों को वापस करना है। बकौल मनोज कुमार उन्हें 80 करोड़ नहीं बल्कि लगभग 500 करोड़ रुपए लोगों को लौटाना है। मनोज कुमार ने खुद के पास एक हजार करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बताई और कहा कि, संपत्ति को बेचकर वह कंपनी के इंवेस्टरों का एक-एक रुपया लौटाने तैयार है,लेकिन कोर्ट ने उनकी संपत्ति बेचने व बैंक खातों पर रोक लगा दी है। उनके अनुसार सुप्रीम कोर्ट में उनके वकील कंडीशनल वेल के प्रयास कर रहे हैं।

देश में 105 मामले दर्ज, 55 थानों में हो चुकी गिरफ्तारी
सीईओ मनोज कुमार ने बताया उनके खिलाफ राजस्थान, मप्र, दिल्ली, उप्र, गुजरात, महाराष्ट्र सहित कुल 13 राज्यों में 105 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। अब तक इन राज्यों के 55 थानों में उसकी गिरफ्तारी हो चुकी है। मनोज कुमार ने बताया कि, 11 मई 2016 को मुंबई के दिल्ली दरबार होटल में वह अपने मैनेजरों की मीटिंग ले रहे थे। इसी दिन गुजरात की बड़ोदरा पुलिस ने उन्हें होटल से गिरफ्तार किया और उसके बाद से लगातार 55 थानों में जा चुका हूं। श्योपुर पुलिस ने भी राजस्थान की सवाई माधौपुर जेल से जमानत पर निकलने के बाद जेल के बाहर से ही पकड़ लिया।

सहारा में काम कर खुद की कंपनी खड़ी की
सीईओ मनोज कुमार ने बताया कि, 15 साल तक सहारा इंडिया में बतौर एजेंट के काम किया। सहारा इंडिया का पूरा काम-काज समझने के बाद खुद की कंपनी खड़ी की। इस दौरान कुछ विरोधी बनते गए और उन्हीं विरोधियों ने शिकायतें करवा-करवाकर कंपनी की यह हालत करवा दी। मनोज कुमार ने बताया कि मई 2016 में उन्हें एक कंपनी से 200 करोड़ का लोन मिलने वाला था लेकिन, लोन मिलने से 10 दिन पहले उनकी गिरफ्तारी हो गई और स्थिति बिगड़ती चली गई।

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