भोपाल( ईन्यूज़ एमपी ) - भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार की किसानोन्मुखी पहल के फलस्वरूप आगामी खरीफ आने के पहले फसलों की लागत का डेढ़ गुना समर्थन मूल्य निर्धारित किया जायेगा। क्योकि कुछ फसलों का पर्याप्त मूल्य नहीं मिल पाया है। नीति आयोग और राज्यों के बीच इस संबंध विचारों का आदान प्रदान हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि फसलों का मूल्य समर्थन मूल्य से कम आता है तो व्यापक पैमाने पर सरकारी स्तर पर उसकी खरीद की जायेगी। इसका बोझ राजकोष पर पड़ेगा। सरकार की यही धारणा है कि खजाने पर पहला अधिकार अन्नदाता किसान, मजदूर और गरीब का है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में मोटे अनाज भी समर्थन मूल्य पर खरीदा भी जायेगा। मोटे अनाज का उत्पादन पोषक आहार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसके उत्पादन के लिए मौसमी वर्षा से काम चल जाता है। पौष्टिक धान्य में ज्वार, बाजरा, रागी, कांगनी, कोदो, कुटकी शामिल है। इन अनाजों का रकबा 60 प्रतिशत घट गया है। इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। श्री चौहान ने कहा कि चना, मसूर और सरसों की प्रदेश सरकार समर्थन मूल्य पर खरीद करेगी जिससे ये फसले भावांतर योजना से बाहर कर दी गयी है। चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 4400 रूपए, मसूर 4250 रूपए और सरसो का 4000 रूपए प्रति क्विंटल है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने लहसुन और प्याज को भावांतर भुगतान योजना में शामिल करके किसानों को बड़ी राहत दी है।