बुरहानपुर ( ईन्यूज़ एमपी ) - संविदा स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल को एक माह पूरा हो चुका है। उनकी हड़ताल लगातार 33वें दिन भी जारी रही। वहीं उनके साथ संयुक्त मोर्चे के संविदा अधिकारी-कर्मचारी भी हड़ताल व आंदोलन कर रहे हैं। शुक्रवार को शहीद दिवस पर संविदा कर्मियों ने अनूठे तरीके से आंदोलन किया। धरना स्थल पर संविदा कर्मियों ने शहीदों की तरह गले में फांसी का फंदा डालकर विरोध जताया। नारेबाजी कर कहा आखिर नियमित कब करोगे मर जाएंगे तब करोगे। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन के पदाधिकारी रविंद्रसिंह राजपूत ने बताया कि संविदा कर्मचारियों की हड़ताल को 33 दिन हो गए हैं। अब नियमितीकरण की इस हड़ताल में 18 विभागों के संविदा कर्मचारी सम्मिलित हो चुके हैं। रोज नए नए तरीके से विरोध प्रर्शन कर संविदा कर्मियों की पीड़ा बताई जा रही है। फिर भी सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। इसलिए शुक्रवार को स्वास्थ्य कर्मियों ने खुद के गले में फांसी का फंदा डालकर विरोध प्रदर्शन किया। शोषित संविदा कर्मी अपने आपको शहीद भगतसिंह, राजगुरू, सुखदेव बताकर गले में फांसी का फंदा डालकर नियमितिकरण के नारे लगा रहे थे। सरकार द्वारा शोषण के विरूद्घ प्रदर्शन कर नारा दिया गया कि हमको नियमित कब करोगे। हम मर जाएंगे तब करोगे। इसके साथ ही भगतसिंह, राजगुरू व सुखदेव को याद कर शहीद दिवस मनाया गया प्रदेश के संविदा कर्मियों को 15 वर्षो से अधिक समय हो गया है और ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजों की भांति उनका शोषण किया जा रहा है। वहीं स्वास्थ्य कर्मियों का खून चूसा जा रहा है। एक और जहां संविदा कर्मियों ने शहीदों को याद कर नमन किया वहीं शहीदों से प्रेरित होकर संविदा शोषण का विरोध भी किया गया। धरना स्थल पर शहीदों को श्रद्घांजलि भी दी गई। उल्लेखनीय है कि धरना स्थल पर पिछले दिनों सुंदरकांड का पाठ कर भगवान श्रीराम और हनुमानजी की आराधना कर प्रदेश सरकार को सद्बुद्घि देने की प्रार्थना की गई थी। संयुक्त मोर्चे के विजय पचौरी एवं परिमल शाह ने बताया कि संविदा सेवकों के नियमितिकरण व अन्य मांगों को लेकर यह आंदोलन किया जा रहा है। रोजाना अलग-अलग तरीके से आंदोलन किया जा रहा है ताकि मुख्यमंत्री व प्रदेश सरकार तक हमारी बात पहुंच सके। सोमवार को मोर्चे की 50 से अधिक संविदाकर्मी महिलाओं ने अपने हाथों पर मामा के नाम की मेहंदी लगाकर विरोध जताया। संयुक्त मोर्चे के पदाधिकारियों ने बताया कि पिछले 10- 15 वर्षों में मप्र शासन के अधीन विभिन्न विभागों की योजनाओं में संविदा सेवक कार्यरत हैं। संविदा अधिकारी कर्मचारी द्वारा अपने स्तर पर संगठित होकर पिछले 10 वर्षो से पृथक-पृथक संघ द्वारा मंच के माध्यम से नियमितिकरण की मांग की जा रही है। संविदा कर्मियों की बहाली की मांग के लिए मप्र संविदा संयुक्त संघर्ष मंच का गठन किया गया।