भोपाल(ईन्यूज एमपी)- आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक और राष्ट्रीय प्रवक्ता अलोक अग्रवाल ने आप के 20 विधायकों के बारे में आए ताजा फैसले को सच की जीत करार दिया है। साथ ही चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाते हुए उन्होंने कहा है कि उच्च न्यायालय के अनुसार चुनाव आयुक्त का बिना सुने 20 विधायकों को बर्खास्त करने का आदेश गैर कानूनी है। लेकिन अब जांच का विषय है कि क्या मजबूरी थी जो पूर्व चुनाव आयुक्त एके जोति ने अपने कार्यकाल के अंतिम दिन आदेश पारित किया? उन्होंने कहा है कि चुनाव आयोग के समक्ष विधायकों को पक्ष रखने की इजाजत देने का न्यायालय का फैसला साबित करता है कि चुनाव आयोग ने बिना सुने ही विधायकों के खिलाफ फैसला सुनाया था। इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोति 23 जनवरी को रिटायर होने वाले था। रिटायरमेंट के ठीक पहले उन्होंने आनन फानन में यह फैसला दिया था। इस तरह जल्दबाजी में लिया गया यह फैसला पहले ही संदेहास्पद था। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब चुनाव आयोग विधायकों को पक्ष सुनकर सही फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि जब विधायकों ने एक रुपए का लाभ नहीं लिया, न ही उन्हें कोई ऑफिस, गाड़ी, बंगला या कर्मचारी मुहैया कराया गया तो किस आधार पर यह लाभ के पद का मामला बनता है। पहले 11 सुनवाई के दौरान आप के विधायकों को सबूत तक नहीं रखने दिए गए और चुनाव आयोग ने एकतरफा फैसला सुनाया था। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विधायकों का पक्ष सामने आएगा तो मामला पूरी तरह साफ हो जाएगा।