पेरिस : फ्रांस की राजधानी पेरिस में सीरियल आतंकवादी धमाकों और गोलीबारी में कम से कम 153 लोगों की जान चली गई है। 200 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। फ्रेंच मीडिया के मुताबिक, आतंकी समूह आईएसआईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। इस हमले की तुलना 26/11 के मुंबई हमलों से की जा रही है। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से फ्रांस में हुई यह अब तक की सबसे घातक हिंसात्मक घटना है। राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने संकल्प लिया कि फ्रांस आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता के साथ खड़ा रहेगा। फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक इन हमलों के लिए आईएसआईएस ने जिम्मेदारी ली है। इससे पहले जिहादियों ने ट्विटर पर हमले की सराहना की थी और इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों के खिलाफ फ्रांस के सैन्य अभियानों की आलोचना की थी। - पोप जॉन पॉल ने पेरिस में आतंकवादी हमले की निंदा की। - आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में चीन ने की फ्रांस के मदद की पेशकश। - राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से बात की। - पेरिस में दहशत का माहौल, स्कूल, मार्केट, म्यूजियम सब बंद। - हमलावरों का मुकाबला करने के लिए लगभग 1500 सैनिक तैनात। - भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर- 0140507070, 0033140507070। - हमले में अभी तक किसी भारतीय के हताहत होने की खबर नहीं। राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इन हमलों को आतंकवाद करार देते हुए इनकी निंदा की और संकल्प लिया कि फ्रांस अपने शत्रुओं के खिलाफ दृढ़ता के साथ खड़ा रहेगा। आतंकी हमलों में सबसे भयावह जनसंहार एक कंसर्ट हॉल में हुआ, जहां एक अमेरिकी रॉक बैंड को प्रस्तुति देनी थी। कई लोगों को यहां बंदी बना लिया गया। इसके बाद हमलावरों ने विस्फोटक वाली अपनी बेल्टों से वहां विस्फोट कर दिया। इमारत पर धावा बोलने वाली पुलिस को इसके अंदर बेहद भयावह खूनी मंजर दिखाई दिया। पेरिस के प्रॉसीक्यूटर की प्रवक्ता एग्नेस थिबोल्त लेक्विवरे ने द एसोसिएटिड प्रेस को बताया कि हमले समाप्त होने के बाद आठ हमलावर मारे गए। इनमें से सात की मौत आत्मघाती विस्फोटों में हुई और एक हमलावर संगीत परिसर में सुरक्षाबलों की कार्रवाई में मारा गया । उन्होंने इस संभावना से इनकार नहीं किया कि कुछ हमलावर फरार हो गए होंगे। अधिकारी आतंकवादियों के साथियों की तलाश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्टेडियम और लोकप्रिय मनोरंजक स्थलों समेत छह स्थलों पर हुए हमलों में कम से कम 153 लोग मारे गए हैं। फ्रांसीसी मीडिया के मुताबिक इन हमलों के लिए इस्लामिक स्टेट ने जिम्मेदारी ली है। जिहादियों ने ट्विटर पर हमले की तत्काल सराहना की और इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों के खिलाफ फ्रांस के सैन्य अभियानों की आलोचना की। कंसर्ट हॉल में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने हमलावरों को अल्लाहू अकबर कहते सुना। ओलांद ने आपातकाल की घोषणा करते हुए ऐलान किया कि वह देश की सीमाओं को बंद कर रहे हैं। अधिकारियों ने बाद में बताया कि वे सीमाओं पर केवल दोबारा प्रतिबंध लगा रहे हैं जिन्हें 1980 के देश में यूरोप की ओर से मुक्त-यात्रा क्षेत्र बनाने के बाद हटा दिया गया था। इन हमलों के बाद शहर में लोगों के बीच पैदा हुए भय के बीच मेट्रो लाइनें बंद रहीं और सड़कें खाली रहीं। मात्र 10 माह पहले हुए शार्ली एब्दो हमले के बाद से शहर में भय का माहौल है। थिबोल्त लेक्विवरे ने बताया कि फ्रांस और जर्मनी की राष्ट्रीय टीमों के बीच खेले जा रहे फुटबॉल मैच के दौरान राष्ट्रीय स्टेडियम के बाहर तीन आत्मघाती विस्फोटों के साथ इन हमलों की शुरूआत हुई। खुद ओलांद भी मैच देखने के लिए स्टेडियम में मौजूद थे। पेरिस पुलिस प्रमुख मिशेल कैदत ने बताया कि कुछ ही मिनटों में हमलावरों का एक अन्य समूह मशीनगनों से गोलियां बरसाता हुआ कंसर्ट हॉल के बाहर खुले कैफे में पहुंच गया। इसके बाद हमलावर अंदर घुस गए और वहां घबराए लोगों पर गोलियां बरसाईं। जैसे ही पुलिस अंदर आई, इन हमलावरों ने अपनी बेल्टों से बंधे विस्फोटकों से खुद को उड़ा लिया। प्रोसीक्यूटर के कार्यालय ने बताया कि संगीत सभागार के निकट बोलेवार्द वोल्तेयर में एक अन्य हमलावर ने आत्मघाती विस्फोट किया। स्टेडियम के बाहर बम विस्फोटों के बाद ओलांद को स्टेडियम से निकाला गया। उन्होंने बाद में यह संकल्प जताया कि देश दृढ़ता के साथ एकजुट होकर खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा, एक दृढ़ फ्रांस, एक एकीकृत फ्रांस, एक फ्रांस जो एक साथ मिलकर आगे आता है और एक फ्रांस जो कि आज भी खुद को लड़खड़ाने नहीं देगा। इस तबाही के साथ भावनाओं का एक अथाह सैलाब आया है। यह त्रासदी घृणित है क्योंकि यह वहशीपन है। पुलिस ने बताया कि कंसर्ट हॉल में हुई मौतों के अलावा पेरिस के 10वें आरोंदिसेमां के एक रेस्तरां और शुक्रवार रात को भीड़भाड़ वाले अन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमले में दर्जनों लोगों की मोत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि फुटबाल स्टेडियम के बाहर बम फटने के कारण कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। ओलांद ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर अपने संबोधन में कहा, यह एक कड़ी परीक्षा है, एक बार फिर हम पर हमला किया गया है। हम जानते हैं कि यह किसने किया है, अपराधी कौन हैं और ये आतंकी कौन हैं? ये हमले ऐसे वक्त में किए गए हैं, जब फ्रांस ने एक बड़े वश्विक जलवायु सम्मेलन से पहले हिंसक प्रदर्शनों और संभावित आतंकी हमलों के डर से सुरक्षा प्रबंधों को काफी मजबूत किया हुआ है। यह सम्मेलन दो सप्ताह में शुरू होना है। ओलांद को इस सप्ताहांत तुर्की में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने जाना था लेकिन उन्होंने इस यात्रा को रद्द कर दिया है। इस शिखर सम्मेलन में इस्लामी चरमपंथियों द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के बढ़ते भय पर प्रमुख तौर पर ध्यान केंद्रित किया जाना है। फ्रांस में जनवरी से ही भय की माहौल है। इस्लामी चरमपंथियों ने जनवरी में व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो के कार्यालय और एक यहूदी किराना स्टोर पर हमला किया था। उस हमले में 20 लोग मारे गए थे, जिनमें तीन हमलावर भी थे। शार्ली एब्दो पर हमला बोलने वाले हमलावरों ने दावा किया था कि उनके यमन में मौजूद चरमपंथियों के साथ संबंध हैं जबकि किराना बाजार में हमला बोलने वाले हमलावर ने इस्लामिक स्टेट समूह के साथ संबंध का दावा किया था।