अरुण सूर्यवंशी_बैतूल (ईन्यूज एमपी) :-मंत्री रामपाल सिंह की बहू प्रीति की आत्महत्या के चर्चित मामले में देर सबेर विपक्ष एक्शन में आया लेकिन वह भी केवल औपचारिकता निभाने । इसकी बानगी आज बैतूल में देखने मिली जब शहर के लल्ली चौक पर उक्त मामले में विरोध प्रदर्शन करने गिने चुने कांग्रेसी लल्ली चौक पर जमा हुए । कुछ मिनट नारेबाजी कर कांग्रेसियों ने एक पुतला भी जलाया । कांग्रेसियों द्वारा बताया गया कि पुतला मंत्री रामपाल का था । महज तीन से चार मिनट के इस विरोध प्रदर्शन से ये तो स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस गंभीर से गंभीर मुद्दों को किस तरह शॉर्टकट में निपटाती है । जिले में कांग्रेस की गुटबाज़ी किसी से छिपी नहीं है लेकिन जिस मुद्दे पर पार्टी के आला नेता रोज़ाना शिवराज सरकार को घेरने की कोशिश में लगे हैं उसी मुद्दे पर बैतूल में कांग्रेस नेता खानापूर्ति कर रहे हैं । बहरहाल शॉर्टकट में किये विरोध प्रदर्शन से पार्टी को कोई फायदा होगा इसकी उम्मीद कम ही है लेकिन इससे विपक्ष की सरेआम किरकिरी ज़रूर हो रही है । प्रीति आत्महत्या मामले में एक सप्ताह बाद जैसे तैसे कांग्रेस ने भोपाल सहित अन्य जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू किया लेकिन ये प्रदर्शन विपक्ष के अन्य विरोध प्रदर्शनों की तरह कुछ मिनट के स्टंट के अलावा कुछ नहीं था । केवल यही मामला नहीं बल्कि कांग्रेसी प्रदेश और जिले के अन्य संवेदनशील मुद्दों पर भी संवेदनहीन नज़र आते हैं मसलन सांसद ज्योति धुर्वे के जाती प्रमाण पत्र मामले में भी जिले के कांग्रेसी केवल चुनावी साल में सक्रिय दिखते हैं जबकि बीते साल प्रदेश की छानबीन समिति द्वारा सांसद ज्योति धुर्वे की जाती के मामले में दिया गया आदेश कांग्रेस के लिए सरकार को घेरने का एक बड़ा मौका था लेकिन इसमें भी कुछ दिन चले शोरशराबे के बाद कांग्रेसी शांत हो गए । अब जबकि कुछ युवा आदिवासी नेता इस मामले को लेकर धरने पर बैठे हैं तो कांग्रेसी केवल बहती गंगा में हाथ धोकर वापस लौट जाते हैं । इसी तरह संविदा कर्मचारियों की हड़ताल को चलते एक महीना हो रहा है और पर विपक्ष इन आंदोलित संविदा कर्मचारियों से भी दूरी बनाए हुए हैं । बात साफ है कि अगर कांग्रेस इस गति और इस तरीके से सत्ता में वापसी का रास्ता तलाश रही है तो उनके लिए फिलहाल अंगूर खट्टे हैं ।