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क्या पांडव के रूप में राहुल गांधी हस्तिनापुर के द्वार खोल पायेंगे......??

भोपाल ( ईन्यूज़ एमपी ) - भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभालते ही राहुल गांधी ने पांडव बनकर देश में लंबित समस्याओं का निराकरण कर देश को आगे बढ़ाने का भरोसा दिलाया है। राहुल गांधी ने युवा उर्जा के अनुकूल महत्वाकांक्षी लक्ष्य स्वीकारा है लेकिन सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी उन मूलों पर भी विचार करने का साहस दिखायेंगे जिनके लिए उनके पूर्वज वंश परंपरा के प्रमुख उत्तरदायी रहे है। यदि राहुल गांधी अपनी प्रतिबद्धता पर खरे उतरते है तो निश्चित रूप से पांडव के रूप में हस्तिनापुर उनसे साथ नहीं छोड़ेगा। विडंबना यह है कि कांग्रेस की अपराधिक त्रुटियों के कारण देश की जनता का विश्वास चुक गया है। कांग्रेस हस्तिनापुर बदर की जा चुकी है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश के सामने मुहं बाये खड़ी समस्याओं पर गौर करेंगे तो सबसे पहले उन्हें सोचना पड़ेगा कि सरदार पटेल ने सवा 600 रियासतों का एकीकरण किया लेकिन जम्मू कश्मीर जिसके प्रभारी स्वयं पं. नेहरू थे क्यों आज रक्त रंजित है। बाद में इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आपातकाल लगाकर देश को जेल में क्यों तब्दील कर दिया। उन्हीं के दौर में स्टेट बैंक से 55 लाख रूपए की धोखाधड़ी उनके नाम पर की गयी और अपराधी की जेल में मौत हो गयी। आखिर इसका राज उजागर करने की जिम्मेदारी भी तो राहुल गांधी को ओढ़ना पडेगी। जिस समय केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार रही साढ़े बारह लाख करोड़ के घोटाले हुए जिनका संज्ञान सीएजी से लेकर न्यायालय ने तक लिया। तब यूपीए सरकार का रिमोट कंट्रोल स्वयं श्री राहुल गांधी के हाथ में था। आखिर इस घोटला की श्रृंखला के लिए असल गुनहगार कौन है ? राहुल गांधी समस्याएं अनगिनत है। इनका निराकरण करके आप वास्तव में कर्मठता का प्रमाण देंगे।

श्री शर्मा ने कहा कि 2014 लोकसभा चुनाव में हस्तिनापुर की चाबी जनता ने भाजपा को सौंपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में सामाजिक, आर्थिक क्रांति को जन्म दिया।राहुल गांधी अपनी पराजय को स्वीकार करें और विनम्रतापूर्वक अपनी दंभोक्ति के लिए खेद व्यक्त करें। सत्ता जनता सौंपती है। आज भावनात्मक मुद्दे नहीं परफार्मेन्स पर जनता जनादेश देती है।

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