सतना(ईन्यूज एमपी)- टोंस हाईड्रल डैम प्रोजेक्ट के प्रभावित किसानों की जमीन वापसी हेतु 11 मार्च को पोखरी गांव में अयोजित सरकारी कार्यक्रम में सतना सांसद गणेश सिंह नेаकिसानों को फर्जीаपट्टे बाँटаदिए, यह हम नहीं खुद आंदोलनकारी किसान कह रहे हैं, अप्रभावित किसानों को सतना सांसद अपने हांथो सेаफर्जी पट्टे क्योंаबांटे समझ से परे है, लेकिन जवाब किसी के पास नहीं है, यह मामला भी दूसरे मामलों की तरह दबकर रह जाता लेकिन किसान लामबंद होकर अनशन पर बैठ गए,а मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने इस मुद्दे को आज सदन में उठाकर सुर्खियों में ला दिया, मजबूरन सतना कलेक्टर ने आंदोलनकारी किसानों को बुलाकर बातचीत की और किसानों को बांटे गए पट्टों मेंं त्रुटि स्वीकार करते हुए जल्द ही सुधार करने की बात कही । टोंस हाईड्रल डैम प्रोजेक्ट की ऊँचाई दो मीटर कम करने से 44 गांव के हजारों किसान अप्रभावित हो गए, जमीन वापस पाने के लिए 25 साल से किसान आंदोलन पर थे,а 2011 मेंаमुख्यमंत्री ने अप्रभावित किसानों को उनकी जमीन वापस करने की घोषणा की थी, जिसके परिपेक्ष जमीन वापसी की मैराथन प्रक्रिया शुरू हुई, और इस 11 मार्च को सांसद गणेश सिंह औरаजिला प्रशासन ने प्रभावित गांव पोखरी में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित कर 04 गांव के 118 किसानों को पट्टे देखकर जमीन वापस कर झूंटी वाहवाही लूट ली, जमीनों का पट्टा मिलने से अप्रभावित किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई और जमकर सांसद जी की जय जय कार हुयी,, लेकिन उनकी खुशी बहुत देर तक नहीं ठहर सकी, पट्टे त्रुटिपूर्ण थे, खसरे में किसान का नाम दर्ज नहीं था, खसरे की कैफियत खाली थी, इन पट्टों का वैधानिक उपयोग नहीं हो पा रहा था, यनि पट्टे पूरी तरीके से फर्जी थे, यह सब जानकर किसान आंदोलित हो उठे और एकत्र होकर तहसील मुख्यालय कोटर में अनशन पर बैठ गए, अनशन पर बैठे किसानों ने आर-पार लड़ाई हेतु आज जैसे ही आमरण अनशन की घोषणा की तो सतना से लेकर भोपाल तक की राजनीति में खलबली मच गई, मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विधानसभा में मामला उठा दिया, मामले को तूल पकड़ता देख सतना कलेक्टर मजबूर हुए और आंदोलनकारी किसानों काа प्रतिनिधिमंडल बुलाकर चर्चा की और बांटे गए पट्टे में न सिर्फ त्रुटि स्वीकार की बल्कि त्रुटि को जल्द सुधार करने की भी बात कही, अनशनकारी आक्रोशित किसान सत्ताधारी सरकार उनके जनप्रतिनिधि और जिला प्रशासन द्वारा अपने आपको छले जाने की बात कह रहे हैं ।а अनशन पर बैठे लामबंद किसानों ने जैसे ही आमरण अनशन की घोषणा की जिले से लेकर प्रदेश तक की सियासत गर्म हो गई, नेता प्रतिपक्ष ने सदन में शून्य काल के दौरान सवाल उठा दिया, मामला बढ़ता देख सतना कलेक्टर ने आंदोलनकारी किसानों को बुलाकर पट्टे में त्रुटि स्वीकार करते हुए सुधार की बात कहीं, बड़ा सवाल था कि आनन फानन बिना रिकॉर्ड सुधार किए किसके दबाव में जिला प्रशासन द्वारा किसानों को फर्जी पट्टे बांटे गए, लेकिन सतना कलेक्टर माकूल जवाब देने की बजाय केवल पट्टो में करेक्शन करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया ।а साल चुनावी है सत्ता के दबाव में किसानों के साथ किया गया यह छलावा सत्ताधारी सरकार को महंगा पड़ सकता है, किसानों को जमीन वापसी की प्रक्रिया इतनी धीमी है कि 44 गांव के हजारों किसानों में से अभी तक केवल 12 किसानों को पट्टे बांटे गए हैं वह भी फर्जी, जिसे सुधार करना अभी बाकी है ।