भोपाल ( ईन्यूज़ एमपी ) - मध्यप्रदेश की नल-जल योजनाओं को पूरा कराने के लिए केंद्र सरकार ने अपने हाथ खींच लिए हैं। पांच साल पहले यूपीए सरकार के समय जहां केंद्र ने इन योजनाओं के लिए एमपी को 474 करोड़ की राशि आवंटित की थी, वह वर्ष 2017-18 में घटकर मात्र 135 करोड़ रह गई है। यानी केंद्र सरकार ने प्रदेश की नल-जल योजनाओं में 50 फीसदी से ज्यादा कटौती कर दी है, जिसके चलते प्रदेश की 3 हजार नल-जल योजनाएं बंद हो गई है और 12 हजार ग्राम पंचायतों में अभी नल- जल योजनाएं प्रारंभ नहीं हो सकी है। इसके पीछे राज्य सरकार की लापरवाही भी सामने आई है। मध्यप्रदेश की नल-जल योजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2012-13 में लगभग 500 करोड़ की राशि आवंटित की थी, लेकिन इसमें से 143 करोड़ खर्च ही नहीं किए गए। इसके बावजूद केंद्र की यूपीए सरकार ने वर्ष 2013-14 में मप्र को 474 करोड़ की राशि आवंटित की और इसमें से भी 133.97 करोड़ का उपयोग नहीं किया गया। इसके बाद केंद्र में एनडीए नीति मोदी की सरकार बनीं और इसके बाद से मप्र को नल-जल योजनाओं के लिए मिलने वाले फंड में लगातार कटौती की जाती रही है। जैसे वर्ष 2014-15 में 440 करोड़, वर्ष 2015-16 में 193.73 करोड़, वर्ष 2016-17 में 232.25 करोड़ तथा वर्ष 2017-18 में मात्र 135.51 करोड़ का आवंटन केंद्र सरकार ने किया है। यानी 50 फीसदी से ज्यादा कटौती प्रदेश की नल-जल योजनाओं में कर दी गई। इसके पीछे वजह केंद्र से मिली राशि को समय पर खर्च नहीं करना भी माना जा रहा है। राज्य ने वर्ष 2014-15 में 133.97 करोड़, वर्ष 2015-16 में 174.38 करोड़, वर्ष 2016- 17 में 15.40 करोड़ तथा वर्ष 2017-18 में 35.92 करोड़ की राशि का इस्तेमाल ही नहीं किया।बंद पड़ी हैं कई नल जल योजनाएं