रायसेन(ईन्यूज एमपी)- वन मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार ने रायसेन में 80 लाख रूपए की लागत से निर्मित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के नवीन भवन का लोकार्पण किया। लोकार्पण के पश्चात वन मंत्री डॉ शेजवार ने कन्या पूजन किया तथा कन्याओं को उपहार भी वितरित किए। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि इस सर्वसुविधायुक्त भवन से अधिकारियों, कर्मचारियों को कार्य के लिए अनुकूल वातावरण मिलेगा तथा उनकी कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी। वन मंत्री डॉ शेजवार ने कहा कि वर्तमान में जिले में जल चेतना सप्ताह चल रहा है, जिसमें सभी को सहभागिता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। शिक्षकों की विशेष प्रतिष्ठा होती है तथा उनकी बातों को भी विशेष महत्व दिया जाता है। शिक्षक छात्रों, उनके अभिभावकों तथा नागरिकों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित करेंगे तो इसका विशेष प्रभाव पड़ेगा। छात्र देश के भविष्य हैं, यदि उन्हें बचपन से ही जल बचाने की शिक्षा दी जाए तो वह आगे चलकर कारगर होगी। स्कूल में मिली सीख पर बच्चे ज्यादा अमल करते हैं और वे परिवार के लोगों को भी पानी की बर्बादी करने से रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपनी प्रतिष्ठा का उपयोग जनचेतना में करना चाहिए। उन्होंने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक का राष्ट्रवाद है कि वह समय पर स्कूल आए, स्कूल आने के पहले घर पर अध्ययन करें कि उसे आज छात्रों को क्या पढ़ाना है। अध्यापन के समय शिक्षक की यह जिम्मेदारी है कि वह स्वयं यह महसूस करें कि मैनें जो अध्यापन का कार्य किया है, उसे मैं ठीक से कर पाया कि नहीं। शिक्षक अपनी जिम्मेदारी का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करेंगे तो परिणाम अच्छा आएगा और छात्रों तथा राष्ट्र का भविष्य उज्जवल होगा। वन मंत्री डॉ शेजवार ने कहा कि आज बेटी का जन्म होना वाकई लक्ष्मी के आने जैसा है। क्योंकि उसके जन्म से लेकर विवाह और जननी बनने तक प्रदेश सरकार की कई योजनाएं संचालित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि बेटी के बिना सृष्टि का संचालन संभव नहीं है। चूंकि सृष्टि नए जन्म से ही आगे बढ़ती है। इसलिए बेटी है तो कल है। बेटी के इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए हमारी धार्मिक परम्परा के अनुसार नवरात्र में कन्या पूजन किया जाता है और नारी को देवी स्वरूपा माना जाता है। कार्यक्रम में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री भंवर लाल पटेल, विधायक प्रतिनिधि डॉ जयप्रकाश किरार, जिला शिक्षा अधिकारी आरपी सेन, शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के प्राचार्य आनंद शर्मा भी उपस्थित थे। जल संरक्षण हम सभी का दायित्व है- कलेक्टर कार्यक्रम में कलेक्टर भावना वालिम्बे ने कहा कि अधिकारियों, कर्मचारियों को काम करने के लिए एक अच्छे और स्वच्छ वातावरण की आवश्यकता होती है। यदि कार्यस्थल आकर्षक, स्वच्छ होंगे तो काम में भी मन लगेगा। कलेक्टर श्रीमती वालिम्बे ने वर्तमान में जिले में चल रहे जल चेतना सप्ताह का उल्लेख करते हुए कहा कि जल जीवन के लिए अनिवार्य है। वर्तमान में घटते हुए भू-जल स्तर को देखते हुए जागरूक नागरिक के लिए जल संरक्षण विचारणीय कार्य है। हमें जिम्मेदार नागरिक के रूप में पानी बचाना होगा। यह सिर्फ शासन की ही नहीं वरन प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है। कलेक्टर भावना वालिम्बे के कहा कि जल चेतना सप्ताह के तहत सभी गांवों में नवीन जल संरचनाएं निर्मित करने तथा पुरानी जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार करने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल चेतना सप्ताह से आमजन को जोड़ने के लिए व्हाट्सएप नम्बर 7089792100 जारी किया गया है। इस नम्बर पर बड़ी संख्या में लोगों की जल संकट से जुड़ी समस्याएं और सुझाव भी प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप पर मिलने वाले यह सुझाव जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण और उपयोगी होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षक जल संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। शिक्षकों की बातों को लोग ध्यान से सुनते हैं तथा उन पर अमल भी करते हैं। उन्होंने कहा कि सभी अपने स्तर पर जल संरक्षण के लिए श्रमदान या सुझाव दे सकते हैं।