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इतिहास में पहली बार एक साथ 17 न्यायाधीशों ने ली शपथ.....

जबलपुर ( ईन्यूज़ एमपी ) - मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार एक साथ 17 अतिरिक्त न्यायाधीश स्थायी हुए। मुख्य न्यायाधीश हेमंत गुप्ता ने सभी को साउथ ब्लॉक सभागार में आयोजित गरिमामय समारोह में शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यपीठ जबलपुर और खंडपीठ इंदौर व ग्वालियर के सभी न्यायाधीश मौजूद रहे।

स्थायी होने वालों में जस्टिस अतुल श्रीधरन, जस्टिस सुश्रुत अरविन्द धर्माधिकारी, जस्टिस विवेक रूसिया, जस्टिस आनंद पाठक, जस्टिस जेपी गुप्ता, जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव, जस्टिस एचपी सिंह, जस्टिस एके जोशी, जस्टिस विवेक अग्रवाल, जस्टिस नंदिता दुबे, जस्टिस राजीव कुमार दुबे, जस्टिस अंजुलि पालो, जस्टिस वीरेन्द्र सिंह, जस्टिस सुशील कुमार अवस्थी, जस्टिस विजय कुमार शुक्ला, जस्टिस जीएस अहलूवालिया और जस्टिस सुबोध अभ्यंकर शामिल रहे।

आमतौर पर सीजे चेम्बर में सम्पन्न होती है प्रक्रिया-

किसी भी अतिरिक्त न्यायाधीश को स्थायी न्यायाधीश बनने पर आमतौर पर सीजे चेम्बर में शपथ दिलाए जाने की परम्परा रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि अमूमन महज एक या दो न्यायाधीश ही एक बार में अतिरिक्त से स्थायी होते थे। लेकिन यह हाईकोर्ट के इतिहास का पहला अवसर था, जब एक साथ 17 न्यायाधीश स्थायी हुए।

अभी 21 पद रिक्त-

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 53 है। जिसके मुकाबले वर्तमान में 32 न्यायाधीश कार्यरत हैं, जबकि 21 पद रिक्त हैं।

शामिल हुए सभी न्यायाधीश-

रजिस्ट्रार जनरल मोहम्मद फहीम अनवर ने बताया कि तीनों बेंच के सभी न्यायाधीश शनिवार 17 मार्च को पूर्वान्ह 11 बजे से शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद फुलकोर्ट मीटिंग में शामिल हुए। इस दौरान एजेंडे में शामिल विभिन्न बिन्दुओं पर विमर्श हुआ।

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