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विदिशा में मीडिया कार्यशाला सम्पन्न...भोपाल के पत्रकार हुए शामिल...

विदिशा (Enewsmp)_जिला जनसम्पर्क कार्यालय विदिशा के द्वारा एक दिवसीय मीडिया संवाद संगोष्ठी जल संचय विषय पर आयोजित की गई थी।
ааа जल संचय, सदुपयोग पर गहन विचार विमर्श किए गए और सार संक्षेपिकों का अनुपालन कर आने वाली पीढ़ी को प्रचुर जल की उपलब्धता सुनिश्चित कराए जाने पर बल दिया गया। जालोरी गार्डन में कार्यक्रम का शुभांरभ अतिथियों द्वार मॉ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया गया था।
ааа नगरपालिका अध्यक्ष मुकेश टण्डन ने स्कूलों में जल पर आधारित पीरियड शुरू करने का सुझाव देते हुए उन्होंने स्वच्छता अभियान की तर्ज पर जल संचय हेतु ССरोको टोकोТТ अभियान चलाए जाने पर बल दिया। प्राचीन काल में हम जल का सदुपयोग कर संग्रह और संचय को बनाए रखने में योगदान देते आ रहे थे किन्तु आज बिना श्रम किए सुगमता से जल की उपलब्धता मिलने से हम जल के महत्व को धीरे-धीरे विस्मृत करते जा रहे है।а
ааа नपा अध्यक्ष मुकेश टण्डन ने कहा कि जल स्तर बढाने के लिए वर्षारूपी जल काа अधिक से अधिक संग्रह हो वही जल के अपव्यय से हम सबको बचना होगा।а
ааа नपा अध्यक्ष मुकेश टण्डन ने जल संग्रह के कार्य क्षेत्रों में विदिशा मॉडल केन्द्र बनें इसके लिए हम सबको अपना सहयोग देना अतिआवश्यक है। जिले का इतिहास है कि समाजसेवियों ने विभिन्न प्रकार के संकटों के दौरान एकजुटता का परिचय देकर संकटों से निजात पाई है। उन्होंने जल संचय के लिए हम सब मिलकर एक हो जाए ताकि अधिक से अधिक कारगर पहल परलिक्षित हो वही जल का सदुपयोग कर हम विदिशा को गौरवान्वित शहरों की श्रेणी में लाकर खडा करें।а
ааа कलेक्टर अनिल सुचारी ने मीडिया संवाद कार्यशाला में शामिल किए गए जल संरक्षण को मानव जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि साल भर इस मुद्दे पर विचार विमर्श कर उन्हें अंजाम देने की आवश्यकता है। छोटे-छोटे काम आगे चलकर बड़ा रूप ले लेते है जिनकी सार्थकता और महत्वता स्वयमेव प्रतिपादित होने लगती है।а
ааа कलेक्टर श्री सुचारी ने मीडियाबंधुओं को संदेशवाहक का प्रमुख स्त्रोत बताते हुए कहा कि शासन प्रशासन के संज्ञान में कई ऐसी चीजे लाई जाती है जिन तक हम पहुंच नही पाते है। जागरूकता के क्षेत्र में मीडिया की भूमिका को नकारा नही जा सकता। सुगमता से संदेश प्रसारित करने में मीडियाकर्मियों की अति महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने गोपनीय श्रमदानियों की स्टोरी कवर करने का सुझाव दिया।а
ааа कलेक्टर श्री सुचारी ने जल को सहेजने की आवश्यकता का आव्हान करते हुए इसकी शुरूआत घर से करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पहले एक टाइम नलों से पानी मिलता तो हम दिन भर अपनी दिनचर्या का सम्पादन कर लेते थे अब वही दो टाइम पानी मिलने से भी वे ही काम नही हो पा रहे है।а
ааа उन्होंने कहा कि बोतलों में जब तक पानी रहता है तो हम उसका उपयोग कर लेते है जैसे ही पानी खत्म होता है तो प्लास्टिक की बोतलों को हम इधर-उधर फेंक देते है। जिससे प्लास्टिक कचरा बढ़ा है इससे निजात पाने के लिए हम सबकों पूर्व परिपाटी जग-गिलास से पानी लेने का कार्य पुनः प्रारंभ करना होगा।а
ааа भोपाल से आए डीएनएन न्यूज चैनल के डॉ गिरीश उपाध्याय ने कहा कि जल संरक्षण के कार्य सरकारी आयोजनो से संभव नही है। इस प्रकार के कामों में हर आदमी की भूमिका अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने मीडियाबंधुओं से आग्रह किया कि संचार संवाद के माध्यम से त्वरित संदेश पहुंचाने में मदद करें।а
ааа डॉ उपाध्याय ने कहा कि नदियां, तालाब सिकुड रहे है इसके पीछे सामाजिक जिम्मेवारी है कही ना कही हम अतिक्रमण कर नदी, तालाबों के स्वरूपों को बदल रहे है इस और सामाजिक चेतना अतिआवश्यक है। इसी प्रकार अनेकों तालाबों, नदियों में हम कचडा डालकर उनको पूर रहे है। विश्व में हर जगह पानी के रिसाइकिलिंग पर बल दिया जा रहा है इसके पीछे मुख्य उद्वेश्य है कि हर अवस्थाओं में पानी का सदुपयोग किया जाए।а
ааа न्यूज वर्ल्ड इंडिया के चैनल हेड सुशील शर्मा ने बिना श्रम के वस्तुओं की प्राप्ति के मोल से सभी लोग अनभिज्ञ रहते है को रेखांकित करते हुए कहा कि पहले पानी बिना श्रम के प्राप्त नही होता था अब बटन दबाओं, टोंटी चालू करों पानी मिलने लगता है निश्चित ही इससे पानी के प्रति जो श्रम आहूत किया जाता था उसमें कमी आई है यही कारण है कि हम पानी के प्रति मितव्यायी ना होकर अपव्यायी हो गए है।а
ааа श्री शर्मा ने कहा कि जितने जल का हम उपयोग कर रहे है उसका एक तिहाई पानी जमीन में समाहित हो ताकि वाटर लेबल बना रहें। उन्होंने विदिशा जिले के अति प्राचीन नीमताल तालाब का उल्लेख करते हुए कहा कि तालाब के कारण आसपास के क्षेत्रों का वाटर लेबल सदैव ऊपर रहा है। अब जैसे-जैसे नीमताल का एरिया कम होता गया वैसे-वैसे वाटर लेबल के स्तर में परिवर्तन आता गया।а
ааа श्री शर्मा ने जल संरचनाओं के नवीन तकनीकी उपायों से निर्माण कराने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि मीडियाबंधु नवीन तकनीकियों का प्रचार-प्रसार कर ग्रामीण रहवासियों को बता सकते है कि ताकि वे उसका उपयोग कर क्षेत्र में जल की उपलब्धता को सार्थक बनाए रखें।а
ааа जल संवाद मीडिया कार्यशाला को जिले के मीडियाबंधुओं ने भी सम्बोधित किया और अपने महत्वपूर्ण सुझावों से अवगत कराया। मीडिया संवाद कार्यशाला का संचालन अमित श्रीवास्तव,शकील अहमद ने किया और आगंतुकों के प्रति आभार जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त संचालक रवि शर्मा ने व्यक्त किए।

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