श्योपुर (ईन्यूज एमपी) - विपणन संघ श्योपुर में खाद घोटाला सामने आया है। विभाग के गोदामों से 10 महीने के भीतर 183 टन खाद गायब कर दिया गया। यह खाद किसको दिया गया? कब दिया गया? इसका हिसाब किसी के पास नहीं। खाद का यह घपला गोदाम के इंजार्च सहित कई कर्मचारी व अधिकारियों ने मिलकर किया। चौकने वाली बात यह है कि, खाद का यह घोटाला 11 महीने पहले पकड़ में आ चुका है। घोटाले के आरोपियों को विपणन संघ व पुलिस के अधिकारी कई महीनों से बचाए हुए हैं। गौरतलब है कि, सहकारी सोसायटियों के अलावा लाइसेंसी व्यापारियों को खाद उपलब्ध कराने का काम मप्र विपणन विभाग करता है। श्योपुर में इस विभाग के गोदाम व दफ्तर शिवपुरी रोड पर हैं। बीते साल अप्रैल 2017 में गोदामों का भौतिक सत्यापन करने के लिए भोपाल से आए अफसरों के रोंगटे तब खड़े हो गए जब, गोदाम में रखा 183 टन से ज्यादा खाद का हिसाब नहीं मिला। न तो यह खाद गोदामों में था नहीं, किसी व्यापारी या सहकारी संस्था को बेचा गया था। ओडिट टीम ने इसे वित्तीय लाभ के लिए घोटाला माना है। दोषी कई ,लेकिन गाज एक पर भौतिक सत्यापन (ऑडिटिंग) के समय खाद घोटाले का जिम्मेदार विभाग के मुखिया तत्कालीन डीएमओ सुरेश पवार, अकाउंट ऑफिसर कौशल चैरसिया व गोदाम कीपर रामअवतार राजपूत को माना गया था। जैसे-जैसे कार्रवाई आगे बढ़ती गई तो तो बड़े-बड़े अफसरों को घोटाले से किनारा कर दिया गया और पूरा दोष गोदाम कीपर रामअवतार राजपूत पर रख दिया गया। विभाग के आला अफसरों ने राजपूत के खिलाफ कार्रवाई के आदेश श्योपुर पुलिस को दिए हैं। पहले विभाग ने अब पुलिस दबाए बैठी है मामला यह मामला विपणन संघ के एमडी ज्ञानेश्वर बी पाटील तक की जानकारी में पहुंचा तो, एमडी पाटील ने दोषियों पर एफआईआर के आदेश जारी कर दिए। यह आदेश श्योपुर पुलिस को करीब चार महीने पहले मिल चुके हैं, लेकिन पुलिस जांच के नाम पर पूरी फाइल को दबाए बैठी है। पुलिस व विभाग के अफसरों की भूमिका इसलिए संदिग्ध है कि जब ऑडिट में घोटाला स्पष्ट हो चुका है और इसका जिम्मेदार कौन है? यह तक पता है तो फिर पुलिस एफआईआर क्यों नहीं की जा रही। इसके अलावा विपणन संघ के अफसर भी इसलिए संदिग्ध हैं ,क्योंकि उन्होंने सब कुछ स्पष्ट होने के बाद भी किसी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की। खाद घोटाले के दोषी अभी भी अपने पदों पर जमे हुए हैं। मैं अपने फंड से पैसा देने को तैयार : राजपूत खास बात यह भी है कि, 31 लाख के घोटाले को गोदाम स्टोर कीपर रामअवतार राजपूत भी कबूल रहा है। रामअवतार का कहना है कि गोदामों से खाद तो कम हुआ है,लेकिन इसकी कालाबाजारी मैंने नहीं की। रामअवतार के अनुसार व्यापारी व सहकारी समितियों को सप्लाई के समय ज्यादा खाद चला गया ऐसे यह गड़बड़ी होती चली गई। राजपूत के अनुसार गोदामों का प्रमुख जिम्मेदार मैं हूं इसलिए, कार्रवाई मुझ पर हो रही है। उन्होंने बताया कि, मैं तो विभाग को लिखकर भी दे चुका हूं कि, खाद का 31 लाख रुपए मेरे बीमा, पेंशन व अन्य फंडों से काट ली जाए। गोदाम से गायब हुआ इतना खाद खाद मात्रा डीएपी - 117.700 टन सादा यूरिया - 85.550 टन नीम यूरिया - 8.00 टन एसएसपी पॉउडर - 50 किलो इनका कहना है -गोदामों से खाद गायब हुआ है, यह बात ऑडिट में पकड़ आ चुकी है। इसमें किसका दोष था यह भी स्पष्ट है। पहले पुलिस को एफआईआर के लिए विभाग ने लिख दिया है उसके बाद विभाग भी अपनी कार्रवाई करेगा।