शहडोल/सरईकापा(ई न्यूज एमपी)-सोहागपुर जनपद के अंतर्गत आने वाले गाँव सरईकापा वन क्षेत्र में कोयले का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है जिसमे भारी मात्रा में कोयला चोरी रेत व पर्यावरण को क्षति पहुँच रहा है शासकीय तालाबों से व नदियों से लिए जाते हैं पानी... ज्ञात हो गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है और पशु पक्षियों से लेकर आम आदमी तक को पानी की किल्लतों का सामना करना पड़ेगा ऐसे में भट्टे धारक बिना किसी शासन प्रशासन की अनुमति के इन जलाशयों का धड़ल्ले से प्रयोग कर रहे हैं भारी मात्रा में करकटी बंगवार रोड में कोयला चोरी.. भट्टे के लिए आपको सुबह शाम गाड़ियों के पीछे व जंगल झाड़ियों में छिपे लोग कोयले के छिपते हुए मिल जाएंगे इतना ही नहीं ये इसके अलावा भी अन्य अपराधों चोरी लूटमार राहजनी को भी अंजाम देते हैं नहीं है भट्टों में चिमनी.. शासन प्रशासन जहां प्रदूषण और स्वच्छता को लेकर कई मुहीम व अभियान चला रहे हैं वहीं भट्टों से निकलने वाला धुंआ प्रदूषण व स्वाश रोग जैसी बीमारियों को जन्म देता है नहीं लेबरों के खाते... लेबर व कारखाना अधिनियम के तहत अगर 7 से अधिक मजदूर किसी भी फर्म में काम करते हैं तो उनका लेबर रजिस्ट्रेशन व उनके खाते में पैसा आना चाहिए भट्टा धारक 100,150 रूपए की मजदूरी में इनसे दिन भर काम लेते हैं बाल अपराध को बढ़ावा देना... जिन मजदूरों को ये रोजमर्रा के लिए अपने यहां झुग्गी झोपड़ में रखते हैं उन्ही झुग्गियों में बसे हुऐ इनके परिवार के बच्चे को भी नहीं बख्सा जाता अर्थात उनसे भी ये दिन भर कॉम करवाते हैं जहां शासन ने संवैधानिक तरीके से बलातश्रम व् 14 वर्ष के नीचे के बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों का हनन माना है वहीं आपको इन भट्टों में काम करते हुए मासूम बच्चे मिल जाएंगे इन भट्टों के कारनामों में कुछ राजनैतिक छवि के भी लोग है , जिनकी प्रशासन के कुछ अमलों से जान पहचान है, और जो आसानी से अपनी करतूतों को अंजाम देते हैं, वन व राजस्व अधिकारीयों से गुहार है की पर्यावरण व जलाशय के जलस्तरों को ध्यान में रखते हुए इनपे कार्यवाही करे