सतना(ईन्यूज एमपी)-पूरा शिक्षा सत्र गुजर गया लेकिन सतना में छात्रों को साइकिल नही बांटी गई, भांजे भांजियों की बजाय भृष्टाचार साइकिल पर सवार रहा, सरकारी स्कूल के चयनित छात्र छात्राओ को सरकार साइकिल देती है, लेकिन शिक्षा सत्र 2017-18में हितग्राही छात्रों को साइकिल नही मिली, छात्र छात्रराएं घर से स्कूल और स्कूल से घर पैदल आने जानेे को मजबूर थे, जबकि सितंबर माह तक साइकिल बट जानी चाहिए थी, अब साइकिले एसेम्बल्ड करके स्टॉक की जा रही है बाटीं कब जाएंगी समझ से परे है, इस सत्र की साइकिलें अगले सत्र में बाटकर बजट गोलमाल करने की साजिश से भी इनकार नही किया जा सकता है । यह नजारा है सतना के व्यंकट स्कूल का जहां सोहवाल ब्लाक की चार हजार सायकिले डम्प है, जिले में आठ ब्लाको में 16 हजार छात्र सायकिल हेतु चयनित हुये है, स्कूल चले अभियान के तहत सरकार छात्रों को घर से स्कूल और स्कूल से घर जाने हेतु साइकिल देेंने की योजना है, पूरा सत्र गुजर गया लेकिन छात्रों को साइकिल वितरित नहीं की गई शायद सरकारी अमला नींद में था, जानकार बताते हैं कि सरकारी भ्रष्टाचार साइकिल पर सवार होकर काफी आगे निकल चुका है, अधिकारियों कर्मचारियों पर सरकार की पकड़ खत्म चुकी है, वे बेलगाम हो चुके हैं, सरकार की अधिकारी नहीं सुनते अधिकारियों की कर्मचारी नहीं सुन रहे है, पूरे मध्यप्रदेश में सरकारी तंत्र फेल हो चुका है । नियम के मुताबिक शिक्षण सत्र शुरू होने के पहले ही पात्र छात्र छात्राओं को साइकिले मिल जानी चाहिए थी ताकि वे अपने गॉव से स्कूल की दूरी आसानी से तय कर सके, सरकार छात्र छात्राओं के हितार्थ यह योजना चलाई थी मगर दूसरी योजनाओ की तरह इस योजना के पहिए भी समय से नहीं घूम पाए, इतने संवेदनशील मामले में जिले के जिम्मेदार अधिकारी गलती मानने की बजाय तकनीकी खामियों को जिम्मेदार बता रहे हैं अन्य योजनाओ की तरह स्कूल चले अभियान भी प्रशासनिक लापरवाही की भेट चढ गई है, शैक्षणिक सत्र समाप्त हो गया है, छात्र परीक्षाओं में व्यस्त है, जिम्मेदार अफसर अब साइकिल वितरण करने की बात कह रहे हैं, मौजूदा शिक्षा सत्र में साइकिल वितरण योजना सफेद हाथी बनकर रह गई है ।