भोपाल(ईन्यूज एमपी)- राज्य सरकार प्रदेश भर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया 18 मार्च से शुरू करने जा रही है। बुधवार को विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह सहित आला अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि 26 मार्च को सभी नगरीय निकाय और नगर पालिका के अध्यक्षों सहित अधिकारियों की एक कार्यशाला आयोजित की जाएगी, इसमें अवैध कॉलोनियों को वैध करने के तरीके बताए जाएंगे। बता दें कि विभाग ने इसके लिए गाइड लाइन बना ली है। वहीं, अवैध कॉलोनियों को भी चिन्हित कर लिया गया है। प्रदेश में करीब 5 हजार कॉलोनियां अवैध है इसमें से 4 हजार ही वैध करने योग्य पाई गई है। इसमें भी वे कॉलोनियां शामिल है जो दिसंबर 2016 तक बनी है। इसमें नई कॉलोनियों को शामिल नहीं किया जा रहा है। इसके लिए एक माह तक आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। दस्तावेजों के आधार पर कॉलोनियों को वैध करने की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। बता दें कि अवैध कालोनियों का सर्वे पूरा हो चुका है। निकायों ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। प्रदेश में साढ़े चार हजार से ज्यादा अवैध कॉलोनियां सामने आई हैं। इनमें ग्वालियर में सबसे ज्यादा 479 और भोपाल में 421 कॉलोनी अवैध हैं। प्रदेश में जहां एक हजार वर्गफीट से कम क्षेत्र में न्यूनतम 70 प्रतिशत मकान बनाए गए हैं। ऐसी कॉलोनियों के रहवासियों को 20 प्रतिशत विकास के लिए राशि संबंधित नगरीय निकायों में जमा करनी होगी। शेष 80 प्रतिशत राशि नगर निगम और नगर पालिका द्वारा दी जाएगी। बाकी अवैध कॉलोनियों को वैध करने के लिए रहवासियों और संबंधित नगरीय निकायों को विकास राशि का 50 प्रतिशत निकाय और शेष 50 प्रतिशत राशि रहवासियों को देनी होगी। इस दौरान विकास राशि नहीं मिलने या देरी होने की स्थिति में भी कॉलोनी रहवासियों को निकायों द्वारा दी जाने वाली सुविधाएं (बिलजी-पानी, सप्लाई, सड़क निर्माण, साफ-सफाई आदि) बंद नहीं की जाएंगी। वहीं वैध होने वाली कॉलोनियों से मिलने वाला राजस्व (संपत्ति कर, भवन अनुज्ञा, जलकर) भी उसी कॉलोनी के विकास के लिए खर्च किया जाएगा।