श्योपुर(ईन्यूज एमपी)-एक विधवा आदिवासी महिला को बच्चों का पेट पालने के लिए अकेले मजदूरी पर जाना इतना भारी पड़ा कि महिला को रातोंरात अपना घर छोड़कर गांव से भागना पड़ा। मामला आदिवासी विकास खण्ड कराहल का है। तीन दिन से महिला श्योपुर में कभी अस्पताल, कभी बस स्टैण्ड तो कभी रेलवे स्टेशन पर रह रही है। गौरतलब है आदिवासी समाज ने महिलाओं को अकेले मजदूरी पर जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्रतिबंध के बाद भी कोई महिला ऐसा करती है तो उस पर पंचायत बैठाकर जुर्माना किया जाता है। भेला-भीमलत गांव की फूलो आदिवासी के पति की मौत ढाई महीने पहले हो चुकी है। फूलो के दो बच्चे हैं जिनका भरण-पोषण करने के लिए वह सात दिन पहले मजदूरी करने चली गई थी। यह बात जब समाज के पुरुषों को पता लगी तो तत्काल भेला-भीमलत गांव में समाज की पंचायत हुई। बकौल फूलो तीन दिन पहले उस पर पंचायत ने 5000 का जुर्माना कर दिया। उसकी आर्थिक हालत ऐसी न थी कि, 5000 का जुर्माना अदा कर पाती इसलिए, रात में बच्चों को लेकर गांव छोड़कर शहर आ गई। बताया गया है कि, बुधवार की दोपहर तक फूलो श्योपुर में थी उसके बाद वह मजदूरी के लिए राजस्थान के सवाई माधौपुर की ओर चली गई है।