भोपाल ( ईन्यूज़ एमपी ) - छत्तीसगढ़ के सुकमा में मंगलवार को हुए नक्सली हमले में प्रदेश के दो बेटे शहीद हो गए ।हमने मुरैना के रामकिशन तोमर और भिंड के जितेंद्र सिंह को खो दिया। मुरैना के राम किशन ने शहीद होने से एक घंटे पहले अपने घर पर बात की थी वे सीआरपीएफ में एएसआई के पद पर पदस्थ थे, रामकिशन सिंह तोमर ने पत्नी प्रभा से फोन पर बात की थी उन्होंने पत्नी से कहा था कि आज बेटी पिंकी का बर्थ-डे है, घर पर ही धूमधाम से मनाना। नक्सलियों से सामना होने से पहले उन्होंने फोन पर पत्नी से कहा था कि अब नक्सली एरिया में प्रवेश कर रहे हैं, नेटवर्क न होने के कारण फोन कट सकता है। इसलिए अब शाम को फोन लगाऊंगा। शाम को परिजन फोन का इंतजार कर रहे थे कि इसी बीच शहीद होने की खबर मिली और घर में मातम पसर गया। आज शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। आज उनके पैतृक गांव तरसमा में सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। भिंड के जितेंद्र सिंह के साथ ही रामकिशन तोमर तरसमा के दिवंगत किसान चरण सिंह तोमर के बड़े बेटे थे इस बार रामकिशन सिंह तोमर होली पर ही 12 दिन की छुट्टी लेकर ग्वालियर आए थे। लेकिन इस बार वे अपने गांव तरसमा आकर कुटुंब के लोगों से नहीं मिल सके थे।एएसआई रामकिशन सिंह तोमर इस साल अपनी बेटी पिंकी के हाथ पीले करने की तैयारी में थे। वे सीआरपीएफ में 30 साल की सेवा के बाद मंगलवार को शहीद हो गए।उनके शहीद होने की खबर गांव पहुंची तो गांवभर में मातम पसर गया। सीएम शिवराज सिंह ने भी ट्वीट कर दुख जताया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का ट्वीट- सुकमा, छतीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा किए गए कायराना हमले में सी.आर.पी.एफ. के जवानों के शहीद होने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति व दु:ख की इस घड़ी में उनके शोक संतप्त परिवारों को संबल दे। भारत माँ के वीरों को कोटिशः नमन व श्रद्धांजलि। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का ट्वीट सुकमा, छतीसगढ़ में सी.आर.पी.एफ. जवानों पर नक्सलियों के हमले में मध्यप्रदेश ने अपने वीर सपूतों, मुरैना के राम किशन तोमर और भिंड के जितेन्द्र सिंह को खो दिया। दु:ख की घड़ी में मैं और मध्यप्रदेश सरकार हर प्रकार से शहीदों के परिवारों के साथ दृढ़ता के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का ट्वीट सुकमा, छत्तीसगढ़ में नक्सली हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ़ के वीर जवान राम किशन तोमर और जितेन्द्र सिंह के परिवारों की ज़िम्मेदारी अब पूरे प्रदेश की है। उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना होगा। सरकार की तरफ से उन्हें 1-1 करोड़ रुपये की सहायता राशि प्रदान की जाएगी।