दिल्ली ( ईन्यूज़ एमपी ) - कई दिनों से चल रहे अयोध्या के विवादित ढांचा मामले में आज फिर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने जा रहा है।इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में पूरी तैयारी कर ली है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के निर्देश अनुसार सभी कागजी कार्रवाई और अनुवाद के काम को कर लिया गया है।8 मार्च को सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्रार के समक्ष हुई बैठक में सभी पक्षों ने यह जानकारी दी। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ अब सुनवाई करेगी। सबसे पहले हाई कोर्ट आदेश के खिलाफ सबसे पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अपील की थी और सुप्रीम कोर्ट का पहुंचा था, लिहाजा पहले बहस करने का मौका उन्हें मिल सकता है। इससे पहले सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से इस केस की सुनवाई लोकसभा चुनाव तक टालने की मांग की थी कि होने वाले असर को ध्यान में रखकर इस मामले की सुनवाई कीजिए। कृपया इसकी सुनवाई जुलाई 2019 में की जाए, हम यकीन दिलाते हैं कि हम किसी भी तरह से इसे और आगे नहीं बढ़ने देंगे। केवल न्याय ही नहीं होना चाहिए, बल्कि ऐसा दिखना भी चाहिए।" क्या था हाईकोर्ट का आदेश... हाईकोर्ट ने 2010 में विवादित 2.77 एकड़ जमीन 3 बराबर हिस्सों में बांटने का ऑर्डर दिया था। अदालत ने रामलला की मूर्ति वाली जगह रामलला विराजमान को दी। सीता रसोई और राम चबूतरा निर्मोही अखाड़े को और बाकी हिस्सा मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया था। अब इस मामले से जुड़े 9,000 पन्नों के दस्तावेज और 90,000 पन्नों में दर्ज गवाहियां पाली, फारसी, संस्कृत, अरबी सहित विभिन्न भाषाओं में हैं, जिस पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कोर्ट से इन दस्तावेजों को अनुवाद कराने की मांग की थी।