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नियमो को दरकिनार कर हो रहा कोयले का भण्डारण,प्रदूषण की चपेट में कालोनी ...

बिजुरी(ईन्यूज एमपी)-कपिलधारा कालोनी में बनी रेल्वे ब्लाक कोल साइडिंग कपिलधारा निवासियों के लिए अब बड़ी बीमारियो कारन बन चुकी है।यंहा प्रतिदिन कोयला खदानों से कोयला लाकर डंप किया जा रहा है।लेकिन कोयला परिवहन और साइडिंग में स्टॉक से डस्ट धूल के निजात की कोई ब्यवस्था नही की गई है। इस कारण कोयला डस्ट की वजह से कालोनी में निवासरत लोगो का जीवन संकट में पड़ता जा रहा।साइडिंग के दोनों तरफ मात्र 100 से दो सौ मीटर के क्षेत्र में एक तरफ कपिलधारा श्रमिक कालोनो तो दूसरी तरफ आदिवासी बाहुल्य गलैया टोला है।कोल परिवहन के चलते लोग गम्भीर बीमारियो के शिकार हो रहे है। कपिलधारा कोल साइडिंग में डस्ट उपचार के लिए साइडिंग प्रबधन द्वारा अभी तक कोई ब्यवस्था नही बनाई गई है। नियमतः डस्ट उपचार के लिए स्प्रिंकलर लगाया जाना चाहिए ।इससे समय समय पर पानी का छिड़काव कर डस्ट की समस्या को दूर करने का नियम है। लेकिन स्थानीय प्रसासन और प्रदूषण विभाग की कुंभकर्णी नीद के चलते दोनों आवासीय क्षेत्र के लोग इस डस्ट को अपनी नियति मान घुटन भरी जिंदगी जी रहे है।
क्षमता से ज्यादा स्टॉक नियम कानून से परे
कपिलधारा कोल साइडिंग में रेलवे के स्थानीय अद्धिकारियो एवम कोल साइडिंग प्रबन्धको की मिली भगत से उक्त साइडिंग में तकरीबन 30 से 35 हजार टन तक कोयले का स्टॉक किया जा रहा जिशके कारण साइडिंग में कोयले का पहाड़ दिखता है जो हल्की हवा भी चली तो पुरा क्षेत्र कोयले के डस्ट से काला हो जाता है जबकि कोयला स्टॉक के लिए रेलवे के अपने नियम कायदे है दो रैक से ज्यादा कोयले का स्टॉक नही किया जा सकता है यदि इससे ज्यादा स्टॉक हुवा तो रेल्वे द्वारा बड़ा जुर्माने और कानूनी कार्यवाही का प्राविधान है इसी तरह के मामले में आज से 4 साल पहले इसी साइडिंग में कोयले के अधिक स्टॉक रखने पर बड़ी राशि जुर्माने के रूप में वसूली गयी थी जबकि इस बार उस अनुपात से करीबन दस गुना कोयला स्टॉक है लेकिन रेलवे के जिम्मेदार चुप है इनकी चुप्पी बिन बोले सब कह रही है।वही स्थानीय प्रदूषण विभाग को जैसे इस साइडिंग की जानकारी ही नही है।
बच्चो का जीवन खतरे में
उक्त कालोनी में 3 विद्यालय भी संचालित है यंहा दिनभर दैत्याकार ट्रक दौड़ती रहती है जबकि कम से कम विद्यालय खुलने और बन्द होने के समय नो इंट्री होनी चाहिए नही तो किसी दिन भी कोई नौनिहाल इनका शिकार हो सकता है सायद प्रसासन को ऊसी का इंतजार है। अब तो कालोनी वासियो का गुस्सा और वेदना खुलकर सोसल मीडिया पर दिख रही जिसमे प्रसांसन के साथ भाजपा सरकार और स्थानीय नेताओं के प्रति देखा जा रहा है।लोगो का कहना है सरकार का नारा सब का साथ सब का विकास है परन्तु ये साफ हो रहा है कि कुछ दो चार पूंजीपति लोग जो साइडिंग संचालित कर रहे उनके विकाश के लिए हजारों लोगों के जीवन को सरकारी नुमांडे खतरे में डाल चुके है यदि सासन चाहता तो इस तरह की अंधेर गर्दी न मचती।2018 में विधानसभा चुनाव होना है लेकिन विधायक पद के दर्जनों दम भर रहे नेतायों को कालोनीवासियों की पीड़ा न दिख रही जबकि बिजुरी नगर से ही कई दावेदार इस दौड़ में है लेकिन उन्हें भी कालोनी की समस्या की जानकारी नही है।

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