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22 साल बाद किसानो को मिली अपनी जमीन...

सतना (ईन्यूज एमपी)-मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी भी प्रोजेक्ट के लिए किसानों की अधिग्रहित भूमि किसानों को वापस की गई हो, आज सतना के बकिया बराज डेम के डूब क्षेत्र से अप्रभावित 04 गांव के 118 किसानों को जमीन का पट्टा और ऋण पुस्तिका देकर उनकी जमीन वापस की गई, डैम की 02 मीटर ऊंचाई घटाने से 44 गांवों के हजारों किसानों जमीन डूब क्षेत्र से अप्रभावित हो गई थी, छः साल पहले सीएम ने जमीन वापस करने की घोषण की थी जिला प्रशासन ने जिसका आज क्रियान्वयन शुरू कर दिया है, जमीन वापस पाने के लिए किसान 22 वर्षों से संघर्ष कर रहे थे आज अपनी जमीन का सट्टा पाकर किसान बेहद खुशी है, आज किसानों का सपना साकार हुआ है ।


1982 में प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने बकिया बराज डेम के प्रभावित किसानों के संघर्ष को देखते हुए डैम की ऊंचाई दो मीटर घटा दी थी, डैम की ऊंचाई घटने से 44 गांव के हजारों किसान डूब क्षेत्र से अप्रभावित हो गए थे, सरकारों ने ध्यान नहीं दिया और यह इलाका सरकारी योजनाओं से हमेशा वंचित ही रहा, 22 वर्ष पहले अप्रभावित किसान अपनी जमीन वापस पाने के लिए संघर्ष करने लगे, छः साल पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बकिया बराज डेम डूब क्षेत्र से अप्रभावित किसानों की जमीन वापस करने की घोषणा की थी, जिससे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई थी, छः वर्षों की कठिन सरकारी प्रक्रियाओं से गुजरते हुए आज वह ऐतिहासिक दिन आया जब जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन ने अप्रभावित किसानों को पट्टा और ऋण पुस्तिका देकर जमीन वापस की, जमीन अधिग्रहण मुआवजे की बिना ब्याज राशि जमा करने पर किसानों को उनकी जमीन वापस की गई, जिन किसानों ने मुआवजा राशि नहीं जमा की है उन्हें बॉन्ड भरवाकर पट्टा ऋण पुस्तिका देकर जमीन वापस कर दी गई है, आज चार गांवो के 118 किसानों जमीन वापस की गई है, सरकार के इस फैसले से किसान बेहद खुश है और सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के अलावा सरकार धन्यवाद कह रहा है जमीन वापसी की कठिन सरकारी प्रक्रिया में योगदान देने वाले स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूदा सरकार को श्रेय देते हुए कहते हैं कि मध्यप्रदेश में पहला अवसर है की सरकार द्वारा अधिग्रहित जमीन वापस किसानों को दी गई हो, 4 गांव के 118 किसानों को आज जमीन वापस की गई है, 15 जून तक बाकी 40 गांव के हजारों किसानों को पट्टा और ऋण पुस्तिका के साथ उनकी जमीन वापस कर दी जाएगी ।

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