सांची ( ईन्यूज़ एमपी ) - कृषक सेवा समिति के कर्मचारियों की अनिश्चित कालीन हडताल से जहाँ कीसान परेशान है वहीं गरीब तबका जो शासन द्वारा सस्ते दामो पर मिलने वाले राशन का वितरण थमने से परेशानी के दौर से गुजरना पड रहा है इसी के साथ सम्बन्धित बैक का कारोबार थम गया है बैंक वसूली भी थमी हुई है सरकार चुप्पी साधे है। कृषक सेवी संस्था मे कार्यरत कर्मचारियों की अनिश्चित कालीन हडताल 22 फर, से चल रही है नगर की सहकारी समीति के 12 कर्मचारी भी रायसेन मे बैठे हडतालियो के साथ शामिल है जिससे क्षेत्र की कृषक समीतियो मे ताले लटके हुये है।हडताली कर्मचारी अपनी मांगो जिनमें स्थानांतरण नीति केडर लागू करना,वेतन मान की विसंगतियां दूर कर निर्धारित वेतन मान जैसी मांगो को लेकर अनिश्चित काल हडताल पर है जिससे किसानों के भावान्तर योजना के पंजीकरण खटाई मे पड गए हैजिससे किसानों को परेशानी उठाने पर मजबूर होना पड रहा है सांची कृषक सेवा सहकारी संस्था के अंतर्गत लगभग 25 गांव आते है इस हडताल से किसानों के गेहूं का पंजीकरण भी नही हो पा रहा है साथ ही आने वाले समय मे आगामी गेहूं खरीदी भी शासन द्वारा 20 मार्च से सुनिश्चित की गई है परन्तु हडताल के चलते न तो किसानों के पैदा होने वाले गेहूं का पंजीकरण ही हो पा रहा है नही खरीदी पूर्व सिलाई मशीनों को ही दुरुस्त किया जा पा रहा है न ही आगामी खरीदी को देखते हुए हम्मालों की ही व्यवस्था की जा सकी है इतना ही नहीं कम्प्यूटर आपरेटरो के हडताल पर रहने से बैंक लिंकिंग से वसूली व्यवस्था भी पूरी तरह चोपट हो चुकी है साथ ही कर्मचारियों के हडताल के कारण केंद्रीय सहकारी बैंक का जहां लेन देन प्रभावित हुआ है वही वसूली न होने से बैंक का कारोबार भी प्रभावित होने की आशंका भी बढ गई है लगभग हडताल पर चल रहे कर्मचारियों से किसानों को परेशानी उठानी पड रही है वहीँ आये दिन मौसम भी किसानों की चिंता बढाने मे पीछे नहीं है इसी के साथ इन्हीं सहकारी समितियों के माध्यम से गरीबी रेखा के अंतर्गत जीवन यापन करने वाले परिवारों को राशन का वितरण भी इन्हीं संस्थाओं के माध्यम से किया जाता है परन्तु होली पंचमी जैसे प्रमुख त्योहारों के बीतने के पश्चात भी गरीबों को खाद्य साम्रगी का आवंटन भी नहीं हो सका जिससे गरीबों के चूल्हे भी ठंडे होने की कगार पर पहुंच चुके है इन संस्थाओ से जहां किसान परेशान है वही गरीब भी परेशानी उठाने पर मजबूर हो उठा है परन्तु हडताली कर्मचारियों के वापस आने की संभावना भी कम ही दिख रही है जिससे किसान गरीब तबका सरकारों को भी कोसने मे पीछे नही है ।इनका कहना है । :-कृषक सहकारी संस्थाओं के कर्मचारियों की अनिश्चित कालीन हडताल से भावान्तर योजना. के पंजीकरण नहीं हो पा रहा है तोअंत्योदय योजना के अंतर्गत कम दरो पर वितरण होने वाला खाद्यान्न का आवंटन भी नहीं हो पा रहा हैसंस्थाओ व बैंक की वसूली भी नहीं हो सकी है सबसे बडी समस्या गेहूं उपज खरीदी की तैयारियां भी नहीं हो सकी है हम भी हडताली कर्मचारियों के लौटने का इंतजार कर रहे है।इमरान जाफरी प्रबंधक केंद्रीय सहकारी बैंक शाखा सांची।