भोपालइंदौर. इंदौर में महत्वाकांक्षी डायमंड पार्क प्रोजेक्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। दस साल से यह प्रोजेक्ट अटका था। पार्क के बनने करीब 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर बनने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए 254 एकड़ भूमि आरक्षित की गई है, जिसमें से 104 हैक्टेयर क्षेत्र में जेम्स एंड ज्वैलरी और डायमंड की कटिंग-पॉलिशिंग के साथ पूरी प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित होंगी। उद्योग विभाग का कहना है कि देश में अपनी तरह का यह पहला डायमंड पार्क होगा, जिसमें फाइव स्टार होटल और अन्य तमाम सुविधाओं के साथ हैलीपेड भी होगा। दुबई, मुंबई या अन्य देशों से आने वाले व्यापारी सीधे इंदौर एयरपोर्ट पर उतरेंगे और वहां से हैलीकॉप्टर के जरिए डायमंड पार्क पहुंचेंगे। इस जमीन का सेज (विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र) और घरेलू उत्पाद क्षेत्र (डीटीए) के रूप में विकास किया जाएगा। सेज के कोर एरिया में इंडस्ट्रियल प्लाट और नॉन कोर एरिया में होटल, टाउनशिप, कांफ्रेंस हॉल, अस्पताल, स्कूल, ट्रेनिंग सेंटर और प्रशासनिक भवन बनाए जाएंगे। सेज में मूलभूत सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। साथ ही पूरे एरिया की सीसीटीवी के जरिए सुरक्षा भी होगी। सेज इसलिए विकसित किया जा रहा है, ताकि डायमंड के कारोबारी को प्रोसेसिंग के साथ कस्टम क्लियरेंस समेत तमाम सुविधाएं मौके पर मिल जाए। जो एजेंसी 165 करोड़ से ऊपर का आफर देगी उसे मिलेगा ठेका पीपीपी पर टेंडर के जरिए एजेंसी पार्क को विकसित करेगी। कंस्ट्रक्शन के लिए 4 साल और कुल सात साल में उसे पार्क के पूरे प्लाट बेचने होंगे। टेंडर में उसी एजेंसी को चुना जाएगा जो डवलपमेंट के एस्टीमेट 165 करोड़ के ऊपर अधिक से अधिक राशि दे। जल्द ही टेंडर जारी होंगे।