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Home मध्य प्रदेश विधानसभा में बनी आचरण समिति, हंगामे पर लगेगी रोक

विधानसभा में बनी आचरण समिति, हंगामे पर लगेगी रोक

भोपाल. विधानसभा में होने वाले हंगामे को रोकने और विधायकों के आचरण को नियंत्रित करने के लिए विधानसभा में पहली बार आचरण समिति गठित की गई है। इस तरह की समिति गठित करने वाला मप्र पहला राज्य है। पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह को समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा ने 22 अगस्त को समिति की पहली बैठक बुलाई है। इसमें विधायकों की आचार संहिता को अंतिम रूप दिया जाएगा। विधानसभा के बजट सत्र में शोरगुल के दौरान पेश हुई नियम समिति की रिपोर्ट में आचरण समिति के गठन की बात कही गई थी। इसके बाद अध्यक्ष ने गुरुवार को रुस्तम सिंह की अध्यक्षता में आचरण समिति के गठन की घोषणा की।
यह है प्रस्तावित आचार संहिता
>कोई भी विधायक स्पीकर की पीठ को नहीं लांघेगा
>सभापति अपने स्थान पर खड़े हों तो कोई भी विधायक अपने सीट पर खड़ा नहीं होगा
>राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कोई भी विधायक कोई बाधा उत्पन्न नहीं करेगा, टोका-टोकी नहीं करेगा और बहिर्गमन नहीं करेगा
>लेकिन विधायक राज्यपाल का अभिभाषण प्रारंभ होने के पूर्व सदन से बहिर्गमन कर सकेंगे। >कोई भी विधायक सदन के अंदर बिल्ले लगाकर नहीं आएगा और न ही पर्चे वितरित करेगा >विधायक सदन की डेस्क पर अपनी टोपी नहीं रखेंगे,धूम्रपान नहीं करेंगे, बांह पर कोट लटकाकर सदन में प्रवेश नहीं करेंगे।
>विधायक सदन के अंदर विरोध स्वरूप दस्तावेजों को नहीं फाड़ सकेंगे।
>विधायक सदन में अध्यक्ष,मंत्री,विधायक या अधिकारियों से किसी भी प्रकार के कागज व दस्तावेज की छीना झपटी नहीं कर सकेंगे।
>विधायक सदन में इलेक्ट्रानिक गैजेट्स, कैसेट्स या टेप रिकार्डर नहीं लाएंगे।
>विधायक सदन एवं सदन के आसपास के स्थानों में सत्याग्रह या धरने पर नहीं बैठ सकेंगे।
>विधायक किसी अन्य विधायक को अपशब्द नहीं कहेंगे, चोट नहीं पहुंचाएंगे या हाथापाई करने का प्रयास नहीं करेंगे।
>विधायक उन्हें मिले सरकारी आवास को किराये पर देकर उसका लाभ नहीं लेंगे।
>विधायक किसी संगठन या व्यक्ति के लिए किए गए कार्य पर अपनी आवभगत नहीं कराएंगे और न ही उससे मूल्यवान उपहार स्वीकार करेंगे।

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