भोपाल(ईन्यूज एमपी)- विभिन्न मांगों को लेकर राजधानी भोपाल में पिछले दो दिन से आंदोलन कर सरकार के लिए परेशानी बने अतिथि शिक्षकों को प्रदेश सरकार ने झटका देते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया है। राज्य शासन ने प्रदेश भर के अतिथि शिक्षकों की सेवा सीमा 28 फरवरी तक नियत कर दी है। अब 1 मार्च से कोई भी अतिथि शिक्षक कार्यशील नहीं होगा।
स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी आदेश में कहा है कि प्रदेश में नया शिक्षा सत्र 1 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है। ऐसे में वर्तमान शिक्षा सत्र में सरकारी स्कूलों शिक्षकों के रिक्त पदों के विरुद्ध अस्थायई रूप से अतिथि शिक्षकों को रखे जाने की समयावधि 28 फरवरी 2018 नियत की गई है। यानी 1 मार्च से प्रदेश में कोई भी अतिथि शिक्षक नहीं होगा। नए शैक्षणिक सत्र के लिए नए सिरे से रखा जाता है। इसमें यह बाध्यता नहीं है कि पिछले अतिथि शिक्षक को आगे भी रखा जाए। हालांकि इस संबंध में शिक्षा विभाग की सचिव दीप्ती गौड मुखर्जी ने बताया कि अतिथि शिक्षकों को सिर्फ शैक्षणिक सत्र के लिए रखा जाता है। नया सत्र 1 अप्रैल से शुरू होगा।
कांग्रेसियों के मंच पर पहुंचने के बाद लिया निर्णय
दरअसल, अतिथि शिक्षक पिछले दो दिन से आंदोलन कर रहे थे। रविवार को तुलसी नगर स्थित अंबेडकर मैदान पर आयोजित धरना प्रदर्शन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया, आप के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल समेत अन्य नेता भी पहुंचे थे। इस दौरान अतिथि शिक्षकों ने ऐलान किया था कि यदि भाजपा सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी तो चुनाव में वे कांग्रेस का समर्थन करेंगे। सरकारी सूत्र बताते हैं कि इसके बाद राज्य शासन ने अतिथि शिक्षकों को शैक्षणिक सत्र पूरा होने से पहले ही