नयी दिल्ली : बदलते समय के साथ बदलाव की वकालत करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पनगढ़िया ने आज कहा कि भारत को अपनी उच्च शिक्षा प्रणाली का तेजी से विस्तार करने की जरूरत है। 11वें फिक्की उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन, 2015 को संबोधित करते हुए पनगढ़िया ने कहा, मुझे लगता है कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था में ढेरों चुनौतियां हैं। देश को इस क्षेत्र में बदलाव करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, जैसा की हमें शहरीकरण, औद्योगीकरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में बदलाव की जरूरत है, कई देशों में शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुए हैं। पनगढ़िया का मानना है कि विभिन्न चुनौतियों में भारत की मदद करने के लिए स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा को साथ साथ बढ़ने की जरूरत है। उन्होंने निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में उच्च शिक्षा में तेजी से विस्तार करने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा, हाल के समय में इस बात को लेकर काफी आलोचना की जाती रही है कि हम उच्च शिक्षा पर जरूरत से अधिक बल देते हैं और प्राथमिक शिक्षा को नजरअंदाज करते हैं. यह एक बड़ी भूल थी। निजी तौर पर मैं इस विचार से इत्तेफाक नहीं रखता. संविधान में इसे विशेष रूप से पहचाना गया है। इंजीनियरिंग शिक्षा में तेज विस्तार के चलते सूचना प्रौद्योगिकी में उन्नति को रेखांकित करते हुए पनगढ़िया ने कहा कि 1995 में पांच मेडिकल कालेज थे और यह स्थिति अब भी है।